MP Election 2023: 'कहीं मध्य प्रदेश भी न बन जाए राजस्थान!' नरेंद्र सिंह तोमर के मैदान में उतरने से शिवराज को कितना खतरा?

MP Election 2023: राज्य के चुनावी मौसम में बीजेपी ने जो तूफान खड़ा कर दिया है, उसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। मसलन, स्थानीय नेता या विधायक को छोड़ कर दिग्गज और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में क्यों उतारा गया? तोमर, पटेल और कुलस्ते जैसे नेताओं के आ जाने से क्या शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी खतरे में और क्या पार्टी शिवराज जैसे जनता के बीच पॉपुलर नेता को किनारे करने की गलती करेगी?

अपडेटेड Sep 26, 2023 पर 11:28 PM
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MP Election 2023: 'कहीं राजस्थान न बन जाए मध्य प्रदेश!' नरेंद्र सिंह तोमर के मैदान में उतरने से शिवराज को कितना खतरा?

MP Election 2023: ये बात एकदम सही है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) कब क्या करेगी या कर सकती है, इसका अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल है। एक बार फिर ऐसा ही एक उदाहरण हमें सोमवार देर शाम देखने को मिला, जब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) के लिए पार्टी ने अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट (Second List) जारी की। इस लिस्ट में जो नाम हैं, उन्होंने पूरे चुनाव का रुख ही बदल दिया। पार्टी ने एक बहुत ही बड़ा दांव खेलते हुए तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनावी रण में उतारने का ऐलान कर दिया है।

ये तीन केंद्रीय मंत्री हैं- नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते। राज्य के चुनावी मौसम में बीजेपी ने जो तूफान खड़ा कर दिया है, उसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। मसलन, स्थानीय नेता या विधायक को छोड़ कर दिग्गज और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में क्यों उतारा गया? तोमर, पटेल और कुलस्ते जैसे नेताओं के आ जाने से क्या शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी खतरे में है और क्या पार्टी शिवराज जैसे जनता के बीच पॉपुलर नेता को किनारे करने की गलती करेगी?

इन सवालों का जवाब खोजने की कोशिश में, हमने बात की मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सत्य प्रकाश शर्मा से। उन्होंने इसके पीछे कई बड़े कारण बताए, लेकिन उनका मानना है कि इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि बीजेपी मध्य प्रदेश चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी काफी गंभीर रूप से ले रही है।


सत्य प्रकाश शर्मा ने राज्य की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ और राजस्थान से भी इसको जोड़ा। क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है और यहां भी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

गुटबाजी, अंदरूनी कलह से परेशान बीजेपी

उनका मानना है कि बीजेपी ने एक तीर से कई निशाना साधने की कोशिश की है। पहला ये कि पार्टी के पास, जो रिपोर्ट पहुंची उसमें सत्ता विरोधी लहर को एक बड़ा फैक्टर बताया गया। दूसरा ये कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में आने से पार्टी के भीतर गुटबाजी काफी ज्यादा हावी हो चुकी थी।

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, "बीजेपी ने कांग्रेस को हटा कर राज्य में फिर से अपनी सरकार तो बना ली थी, लेकिन उसके बाद से ही कई घटनाएं ऐसी सामने आईं, जो पहले कभी पार्टी में शायद ही देखने को मिली हों।"

उन्होंने खुल कर कहा, "जो गुटबाजी, अंदरूनी कलह पहले कांग्रेस में देखने को मिलती थी, वो इस दौरान बीजेपी में दिख रही थी। कांग्रेस की हार का सबसे कारण भी यही रहा है। इसलिए बीजेपी ने इससे बचने के लिए ये एक बड़ा कदम उठाया है। ताकि सब मिल कर चुनाव लड़ें।"

शिवराज के CM बनने पर में आ सकती है रुकावट?

सत्य प्रकाश शर्मा ने नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल या फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे बड़े नेताओं के विधानसभा चुनाव लड़ने से शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने में बड़ी रुकावट की आशंका से भी इनकार नहीं किया।

उन्होंने कहा, "2008, 2013 और 2018 के चुनाव देख लीजिए, पार्टी ने तीनों चुनाव शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर लड़े, जिसमें से 2008 और 13 में पार्टी ने जीत हासिल की। 2018 में भले ही पार्टी जीती न हो, लेकिन वोट प्रतिशत कांग्रेस से ज्यादा रहा।"

शर्मा ने आगे कहा, "जाहिर है कि नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल या फग्गन सिंह जैसे दिग्गजों को पार्टी सिर्फ विधायक बना कर तो नहीं रखेगी। इससे साफ दिखता है कि बीजेपी शिवराज चौहान को अब दरकिनार कर सकती है।"

हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस फैसले का पार्टी पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का असर पड़ सकता है। वरिष्ठ पत्रकार ने शिवराज सिंह चौहान की पॉपुलर 'लडली बहना योजना' का जिक्र करते हुए कहा, "शिवराज सिंह की ये योजना एक गेम चेंजर साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश में 2.67 करोड़ महिला मतदाता हैं, जिसमें से 1.31 करोड़ महिलाओं को इसका फायदा पहुंच रहा है। ऐसे में मामा शिवराज को दरकिनार करना बीजेपी के लिए भी काफी मुश्किल है।"

MP Election 2023: तीन केंद्रीय मंत्रियों, चार सांसदों को मध्य प्रदेश में उम्मीदवार बनाकर BJP ने दिए कई संकेत

उन्होंने कहा कि BJP इस वक्त कैसे भी कर के ये चुनाव जीतना चाहती है। ये साफ दिखता है कि किस तरह से पार्टी छत्तीसगढ़, राजस्थान या तेलंगाना में उतनी गंभीर नजर नहीं आ रही है, जितना मध्य प्रदेश में।

अब सवाल ये बनता है कि क्या बीजेपी शिवराज सिंह चौहान जैसे बड़े नेता को आसानी से साइड लाइन कर पाएगी? सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि इस वक्त बीजेपी देश की वो पार्टी है, जो बड़े से बड़े कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटती है। केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारना भी एक बड़ा फैसला है।

वे आगे कहते है, "अगर शिवराज सिंह चौहान के कद की बात की जाए, तो वे लंबे समय से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनकी लीडरशिप की पहचान ही जनता से उनका जुड़ाव है। उन्होंने सीएम के पद के लिए जो प्लेटफॉर्म तैयार किया है, उसे भी हर कोई नहीं भर सकता है।"

उनका मानना है कि अगर शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार करने का मैसेज जनता के बीच में चला गया, तो इसका खामियाजा बीजेपी को भरना भी पड़ सकता है। उन्होंने बताया, "प्रदेश के 129 विधायकों में से 70 से ज्यादा उनके कब्जे में हैं।"

राजस्थान जैसे न हो जाएं हालात

सत्य प्रकाश शर्मा ने आशंका जताई कि कहीं ये हालात राजस्थान जैसे न हो जाएं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि शिवराज अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा पर चलने वाले नेता हैं, इसलिए इसकी आशंका कम है।

उन्होंने आगे कहा, " लेकिन अगर जनता के बीच ये मैसेज चला गया, और इतने बड़े नेता को दरकिनार किया गया, तो यहां राजस्थान जैसी स्थिति न पैदा हो जाए, जो वसुंधरा राजे ने वहां की हुई है।"

शर्मा ने ये भी कहा, "देखिए एक बात मैं और कह दूं कि ये गुजरात नहीं है, ये मध्य प्रदेश है, यहां से जनसंघ का उदय हुआ है। यहां से पार्टी बनी है। इसलिए यहां सिर्फ मोदी जी या अमित शाह जी- दो लोग ही राजनीति नहीं चला सकते हैं।"

बता दें कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से, प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा गया है।

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव के लिए BJP ने अब तक 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। जिन सीटों के लिए उसने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें से ज्यादातर वे सीटें हैं, जहां 2018 में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Sep 26, 2023 9:31 PM

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