महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा एक पहले से रचि गई साजिश लगती है और भीड़ ने कुछ चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। विधानसभा में बोलते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक वरिष्ठ अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया। सेंट्रल नागपुर में भड़की हिंसा में तीन DCP (पुलिस उपायुक्त) सहित कम से कम 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
फडणवीस ने कहा, "नागपुर के कुछ हिस्सों में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के इरादे से लोगों के एक समूह ने योजनाबद्ध तरीके से पुलिस कर्मियों पर हमला किया। तीन DCP समेत 33 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पांच नागरिक घायल हुए हैं और उनमें से एक को ICU में भर्ती कराया गया है।"
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है। उन्होंने कहा, "पुलिस अधिकारियों पर हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को, चाहे उसकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।"
फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भीड़ के पास हथियार थे और पत्थरों से भरी एक ट्रॉली थी, जिसे कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के इरादे से इकट्ठा किया गया था।
मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे के खिलाफ सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के बाद नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस दौरान कई घरों और गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, "विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने एक कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रतीकात्मक कब्र को जला दिया गया और यह अफवाह फैलाई गई कि उस पर एक धार्मिक संदेश लिखा हुआ है।"
सोमवार को नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में झड़पें हुईं। छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी समूह की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक ग्रंथ का अपमान किए जाने की अफवाह के बाद पुलिस पर पत्थरों से हमला किया गया।