NITI Aayog reconstituted: केंद्र सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है। नई सरकार बनने और मंत्रिपरिषद में NDA के सहयोगी दलों के कुछ नए मंत्रियों को जगह मिलने के बाद आयोग का पुनर्गठन किया गया है। हालांकि, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को आयोग का पदेन सदस्य और स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष बने रहेंगे और अर्थशास्त्री सुमन के बेरी इसके उपाध्यक्ष बने रहेंगे। वैज्ञानिक वीके सारस्वत, कृषि अर्थशास्त्री रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वीके पॉल और मैक्रोइकॉनोमिस्ट अरविंद विरमानी भी सरकारी थिंक-टैंक के पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे।
मंत्रिमंडल सचिवालय की तरफ से मंगलवार देर शाम जारी अधिसूचना के मुताबिक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अलावा भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।
विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मामलों के मंत्री राजीव रंजन सिंह, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू, जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान तथा सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन तथा योजना राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह भी शामिल हैं।
चार पदेन सदस्य केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री), अमित शाह (गृह मंत्री), शिवराज सिंह चौहान (कृषि मंत्री) और निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री) होंगे। आयोग के पदेन सदस्यों में चौहान के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं।
पिछली बार कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नीति आयोग के पदेन सदस्यों में से थे। लेकिन इस बार, उन्हें शामिल नहीं किया गया क्योंकि वे मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री नहीं हैं। पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव भी सरकारी थिंक-टैंक में विशेष आमंत्रित सदस्य थे। लेकिन फेरबदल के दौरान दोनों को शामिल नहीं किया गया है। एनडीए सहयोगियों के मंत्रियों को इसका हिस्सा बनाया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति आयोग के नाम से जाना जाता है। इसका गठन 2015 में किया गया था जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 65 साल पुराने योजना आयोग को खत्म करने का फैसला किया था।