Parliament Winter Session 2024: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है। देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा है। उन्होंने कहा कि संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है हमारे संविधान के 75 साल की यात्रा, 75वें साल में उसका प्रवेश लोकतंत्र के लिए बहुत ही उज्ज्वल अवसर है। पीएम मोदी ने कहा कि कल संविधान सत्र में हम सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। यह सेशन 20 दिसंबर तक चलेगा।
संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई हैं। संसद और हमारे सांसद। उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।
इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोगअपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को भी मुट्ठीभर लोगों की हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।
पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी पीढ़ी का काम है आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें। लेकिन 80-90 बार जिनको जनता ने नकार दिया है वे न संसद में चर्चा होने देते हैं न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न वो लोगों के प्रति अपना दायित्व समझ पाते हैं। वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। जनता को उन्हें बार-बार नकारना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान उम्मीद जताई कि संसद का शीतकालीन सत्र बहुत सार्थक रहेगा तथा इससे भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि संसद के शीतकालीन सत्र में हर पार्टी के नए सदस्यों को अपने विचार साझा करने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के चुनाव परिणामों ने लोकसभा चुनावों में मिले लोकप्रिय जनादेश को और मजबूत किया है। लोगों ने जिन्हें 80-90 बार नकार दिया, वे संसद में चर्चा नहीं होने देते, लोगों की आकांक्षाओं को नहीं समझते।
संसद में भारी हंगामा की आशंका
सोमवार (25 नवंबर) से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर परंपरा के अनुसार सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में 30 दलों के 42 नेताओं ने भाग लिया।
मणिपुर में अशांति सहित अन्य कई मामलों के अलावा अदाणी मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा कराने की कांग्रेस की मांग पर रीजीजू ने कहा कि सदनों की संबंधित कार्य मंत्रणा समितियां लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की सहमति से संसद में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी। बैठक में इस मामले को उठाते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने अदाणी मुद्दे को घोटाला करार दिया और कहा कि सरकार को किसी भी तकनीकी आधार पर उनकी मांग को अस्वीकार या नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह भारतीय संस्थाओं और निवेशकों से जुड़ा मामला है।
अमेरिकी अभियोजकों ने उद्योगपति गौतम अदाणी पर भारत के चार राज्यों में सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमरीकी डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
अदाणी समूह ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और समूह सभी कानूनों का अनुपालन कर रहा है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी कहा कि सरकार को अन्य कार्यों को अलग रखकर इस मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा करानी चाहिए।