चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने विपक्षी एकता पर निशाना साधा है।इस दौरान प्रशांत किशोर ने इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से सवाल भी पूछा। उन्होंने पूछा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बिहार में 10 सीटों पर लड़ी थी। अब तेजस्वी यादव और नितीश कुमार ने यह ऐलान कर दें कि वे 2024 में कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी एकता पर ज्यादा इतराने की जरूरत नहीं है।
पीके ने विपक्ष को कहा बेवकूफ
प्रशांत किशोर ने काफी तल्ख लहजा अपनाते हुए कहा कि वे लोग बेवकूफ हैं जो यह मानते हैं कि साल 1977 में इंदिरा गांधी की हार विपक्ष की एकजुटता से हुई थी। उन्होंने कहा कि 1977 से पहले जेपी के नवनिर्माण आंदोलन की वजह से सारे दल एक साथ आए, इमरजेंसी लागू हुई। अगर इतना सबकुछ नहीं हुआ होता तो क्या सारी पार्टियां इंदिरा गांधी को हरा देंती।
10 साल पहले ही हो गई होती विपक्षी एकता
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अगर एक साथ बैठकर फोटो खिंचाने से विपक्षी एकता कायम होनी होती तो यह 10 साल पहले ही हो जाती। नेताओं के आपस में मिलने से विपक्षी एकता नहीं हो सकती है। मैंने भी इसमें 8 से 10 सालों तक काम किया है। ममता बनर्जी ने एक स्टेटमेंट जारी किया और जनता पर इसका क्या असर पड़ा? समाज पर इसका क्या असर पड़ा? ऐसा तो है नहीं कि ममता ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में लड़ने के लिए जगह दे दी है।
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार को दी चुनौती
साथ ही प्रशांत कुमार ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि नीतीश कुमार जो कि विपक्षी एकता की बात करते हैं वे बिहार में चुनाव का फॉर्मूला जारी कर दें। नीतीश कुमार फॉर्मूला जारी कर दें कि कांग्रेस, RJD और JDU बिहार में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा महागठबंधन में जो दूसरे सहयोगी दल हैं वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। CPI – CPIM और CPIML कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।