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PM Modi Podcast: 'पाकिस्तान ने शांति का जवाब विश्वासघात से दिया'; लेक्स फ्रीडमैन के पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी- उसे सद्बुद्धि आएगी

PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बोलते हुए कहा कि यह स्थिति विचारधाराओं में मतभेदों का परिणाम नहीं है, बल्कि आतंकवादी मानसिकता के कारण है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अशांति का केंद्र बन गया है

अपडेटेड Mar 16, 2025 पर 6:48 PM
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PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर के दूसरे पॉडकास्ट में लेक्स फ्रिडमैन के साथ दिखाई दिए

PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (16 मार्च) को कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा। लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक लंबे पॉडकास्ट में उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी वही सिखाता है। प्रधानमंत्री मोदी और मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के बीच हुई विस्तृत बातचीत का पॉडकास्ट रविवार शाम को रिलीज हो गया।

पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा, "मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था। लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला। हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा।" पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे। जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का उनका पहला प्रयास सद्भावना का संकेत था। उन्होंने कहा, "यह कूटनीतिक कदम था, जो दशकों में नहीं देखा गया। जिन लोगों ने कभी विदेश नीति के प्रति मेरे दृष्टिकोण पर सवाल उठाया था, वे उस समय अचंभित रह गए, जब उन्हें पता चला कि मैंने दक्षेस देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया और हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में उस ऐतिहासिक भाव को खूबसूरती से कैद किया है।"


पीएम मोदी ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की विदेश नीति कितनी स्पष्ट और आश्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा, "इसने दुनिया को शांति और सद्भाव के लिए भारत की प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजा, लेकिन हमें वांछित परिणाम नहीं मिले।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है, तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है।

उन्होंने कहा कि उनकी ताकत उनके नाम में नहीं है, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों और देश की शाश्वत संस्कृति एवं विरासत के समर्थन में निहित है। आरएसएस के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने ऐसे सम्मानित संगठन से जीवन के सार और मूल्यों को सीखा। पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "मुझे जीवन का उद्देश्य मिला।"

उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था। PM ने कहा, "मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे संघ (आरएसएस) ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, "यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है।"

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