हाल ही में हुए एक पोल के मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) देश में सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए है। पीएम मोदी को 65 फीसदी की रेटिंग मिली है। यह पोल इप्सोस इंडियाबस ने किया था। इस पोल के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी भारतीयों के बीच 65 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग हासिल की है। इसके अलावा 80 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ वे देश के पश्चिमी हिस्से में भी लेकप्रियता के शिखर पर बने हुए हैं।
पीएम मोदी बने हुए हैं जनता की पसंद
आंकड़ों को बांटने पर यह पता चला कि पोल में 7 फीसदी लोगों ने कोई उत्तर नहीं दिया, जबकि 18 फीसदी लोगों ने अपनी नामंजूरी जाहिर की। वहीं 9 फीसदी लोगों ने कोई भी फैसला नहीं किया। इससे पहले दिसंबर 2022 में पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग 60 फीसदी थी। वहीं फरवरी 2023 के में पीएम की अप्रूवल रेटिंग बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई। यह रेटिंग भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर उनके प्रदर्शन में सकारात्मक रुझान को दिखाती है।
किया गया पीएम मोदी की लोकप्रियता का मूल्यांकन
मंथली इंडियाबस सर्वे में एरिया के आधार पर भी प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का मूल्यांकन किया गया। उन्होंने पश्चिमी भारत में 80 प्रतिशत केसाथ सबसे ज्यादा रेटिंग हासिल की। इसके बाद भारत के पूर्वी हिस्से में पीएम मोदी को 73 फीसदी की रेटिंग मिली। वहीं उत्तर भारत में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का स्तर 72 प्रतिशत रहा। हालांकि दक्षिण भारत में जरूर इसमें थोड़ी कमी देखने को मिली। दक्षिण भारत में पीएम मोदी को केवल 31 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग ही मिल सकी।
शहरों में लोगों की पसंद बने हुए हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री को अप्रूवर रेटिंग में सबसे ज्यादा नंबर देने वाले ज्यादातर लोग शहरों में रहने वाले हैं। टियर 1 शहरों के 76 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी को बेस्ट माना। वहीं टियर 2 शहरों में रहने वाले करीब 64 फीसदी लोगों ने उनको फेवरेट बताया। जबकि टियर थ्री शहरों में रहने वाले 62 फीसदी लोगों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित दिखाई दिए। यहां तक कि बड़े शहरों में भी 58 फीसदी लोगों ने उनका समर्थन किया। उनकी अप्रूवल रेटिंग पुरुषों में 64 प्रतिशत और महिलाओं में 65 प्रतिशत दोनों के लिए लगभग समान थी।
इन लोगों की भी पहली पसंद बने हुए हैं पीएम मोदी
सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि प्रधानमंत्री मोदी की अप्रूवल रेटिंग बेरोजगार लोगों में 75 प्रतिशत, छात्रों में 69 प्रतिशत, काम करने वालों व्यक्तियों में 67 प्रतिशत, पैरेंट्स के बीच 63 प्रतिशत और खुद का काम करने वालें के बीच 47 प्रतिशत की रही।