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साल 2025 में PM मोदी की जबरदस्त शुरुआत, जनवरी के पहले 15 दिनों में ही विकास ने पकड़ी जबरदस्त रफ्तार

PM Narendra Modi Vision: केवल 15 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2025 के लिए एक परिवर्तनकारी शुरुआत की है। वैज्ञानिक सफलताओं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से लेकर यूथ एंपावरमेंट और सांस्कृतिक उत्सव तक उनके कार्य एक 'विकसित भारत' के विजन को दर्शाते हैं

अपडेटेड Jan 16, 2025 पर 7:21 PM
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PM Narendra Modi Vision: साल की शुरुआत में पहली कैबिनेट बैठक के दौरान किसानों के कल्याण पर जोर दिया गया (File Photo- REUTERS)

(अमिताभ सिन्हा)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 की शुरुआत कई बड़े परिवर्तनकारी पहलों के साथ की है। पीएम मोदी के ये विजन एक प्रगतिशील, आत्मनिर्भर और एकजुट भारत के लिए उनके दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है। इंफ्रास्ट्रक्चर और साइंटिफिक रिसर्च को आगे बढ़ाने से लेकर युवाओं को सशक्त बनाने और भारत की सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाने तक... उनके नेतृत्व ने आने वाले एक उल्लेखनीय वर्ष के लिए माहौल तैयार किया है।

साल की शुरुआत 2025 की पहली कैबिनेट बैठक के दौरान किसानों के कल्याण पर जोर देने के साथ हुई। सरकार ने किसानों के लिए किफायती उर्वरक मूल्य सुनिश्चित करते हुए डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) के लिए एकमुश्त स्पेश पैकेज के विस्तार को मंजूरी दी। यह निर्णय भारत की कृषि रीढ़ को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उसी दिन पीएम मोदी ने मशहूर पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ और शतरंज ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी जैसे सांस्कृतिक प्रतीकों से मुलाकात की। इससे कला, खेल और क्षेत्रों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने पर उनका ध्यान केंद्रित हुआ।


3 जनवरी को पीएम मोदी ने दिल्ली में इन-सीटू स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट के तहत 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों को सौंपा। इससे हजारों गरीब परिवारों के लिए बेहतर रहने की स्थिति सुनिश्चित हुई। उन्होंने 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन परिवर्तनकारी एजुकेशनल प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखी। इसमें सूरजमल विहार में पूर्वी कैंपस, द्वारका में पश्चिमी कैंपस और नजफगढ़ में वीर सावरकर कॉलेज शामिल हैं।

इन परियोजनाओं का उद्देश्य एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना है। ग्रामीण विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता 4 जनवरी को 'ग्रामीण भारत महोत्सव' के दौरान केंद्र में रही। इसमें GI-प्रमाणित ग्रामीण उत्पादों और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा दिया गया। यह पहल ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत करने के लक्ष्य के अनुरूप है।

इस बीच, पीएम मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला सहित ग्लोबल टेक नेताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर में 3 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है। ये चर्चाएं स्वदेशी इनोवेशन को बढ़ावा देने और एक आत्मनिर्भर टेक इकोसिस्टम बनाने पर केंद्रित थीं। 5 जनवरी को साहिबाबाद को अशोक नगर से जोड़ने वाले Namo Bharat ट्रेन कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ। इसके अलावा ओडिशा, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में कई रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ अन्य परियोजनाओं ने रफ्तार पकड़ी।

ये परियोजनाएं पीएम मोदी के नेतृत्व में परिवहन नेटवर्क के आधुनिकीकरण में भारत की तेजी से प्रगति का प्रतीक हैं। 7 जनवरी को पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश में दो ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। विदेश से आने वाली दवा सामग्री पर निर्भरता कम करने के लिए 1,877 करोड़ रुपये की ग्रीन हाइड्रोजन हब का शुभारंभ किया। इसका लक्ष्य प्रतिदिन 1,500 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। ये प्रयास भारत को अक्षय ऊर्जा और दवा निर्माण में अग्रणी बनाते हैं।

9 जनवरी को Genome India परियोजना के उद्घाटन के साथ विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा। ये प्रोजेक्ट भारतीयों की जेनेटिक डायवर्सिटी का मानचित्रण करेगा। साथ ही जेनेटिक डायवर्सिटी के लिए एडवांस हेल्थकेयर सॉल्यूशन प्रदान करेगा। उसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने भुवनेश्वर में 'प्रवासी भारतीय दिवस' सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों और ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उनके योगदान का जश्न मनाया गया।

12 जनवरी को पीएम मोदी ने 'राष्ट्रीय युवा दिवस' और स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' में भाग लिया। इस पहल ने यंग इनोवेटर्स को विचारों का आदान-प्रदान करने और एक 'विकसित भारत' की कल्पना करने के लिए एकजुट किया। इससे युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।

13 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर में सोनमर्ग टनल का उद्घाटन किया। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा मिला। उन्होंने श्रमिकों और इंजीनियरों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत भी की। उनके प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उसी शाम उन्होंने भारत की सांस्कृतिक एकता और विरासत पर जोर देते हुए विभिन्न समुदायों के साथ लोहड़ी, पोंगल और मकर संक्रांति मनाई।

फिर 15 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने नए जहाजों और पनडुब्बियों सहित नौसैनिक लड़ाकू जहाजों को नौसेना में शामिल करके एक और मील का पत्थर हासिल किया। ये भारत की बढ़ती समुद्री क्षमताओं को दर्शाता है। ये हिंद महासागर में एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करते हैं। कहा जाए तो रक्षा में 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

16 जनवरी को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी का विजन ISRO द्वारा उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के साथ एक और मील का पत्थर साबित हुआ। यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

केवल 15 दिनों में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र ने 2025 के लिए एक परिवर्तनकारी शुरुआत की है। वैज्ञानिक सफलताओं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से लेकर यूथ एंपावरमेंट और सांस्कृतिक उत्सव तक उनके कार्य एक 'विकसित भारत' के विजन को दर्शाते हैं। जैसा कि खुद पीएम मोदी ने कहा, "हम एक साथ मिलकर एक 'विकसित भारत' का निर्माण कर रहे हैं, जहां हर नागरिक एक उज्जवल कल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।"

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