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PM Modi in Rajya Sabha: "जनता ने दुष्प्रचार और भ्रम को हराया", कांग्रेस और TMC पर बरसे पीएम मोदी, विपक्ष ने किया वॉकआउट

Parliament Session 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने विपक्षी दलों के दुष्प्रचार और भ्रम की राजनीति को ठुकरा दिया और प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) को प्राथमिकता देते हुए भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई

अपडेटेड Jul 03, 2024 पर 2:08 PM
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Parliament Session 2024: पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर लगाता ही है, भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है

Parliament Session 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (3 जुलाई) को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को जनादेश समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने विपक्षी दलों के दुष्प्रचार और भ्रम की राजनीति को ठुकरा दिया। पीएम ने कहा कि जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देते हुए भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 10 साल सत्ता में रहने के बाद भी किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी एक असामान्य घटना है।

'लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई ये घटना...'


पीएम मोदी ने कहा कि 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। यह चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर लगाता ही है, भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार..इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर....।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं। इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में उठाया बंगाल में महिला की पिटाई का मुद्दा

पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा में एक महिला को सड़क पर सरेआम पीटे जाने के मामले का जिक्र कर ममता सरकार और विपक्ष पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार के मामलों में विपक्ष का 'सलेक्टिव' रवैया बहुत खराब है और उनके शब्दों में कोई संवेदना नहीं झलक रही। पीएम मोदी ने कहा क िदेश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्प पीड़ा होती है। ये जो महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का सेलेक्टिव रवैया है, ये सेलेक्टिव रवैया चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं और न ही कोई राजनीतिक स्कोर करने के लिए बोल रहा हूं। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा। एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, वीडियो बना रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है।

विपक्ष ने किया वॉकआउट

पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष ने पहले जमकर हंगामा किया फिर राज्यसभा से वॉकआउट कर गया। राष्ट्रपति अभिभाषण पर राज्यसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के बीच कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। उच्च सदन में 28 जून को चर्चा की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सुधांशु त्रिवेदी ने की थी।

सदन के नेता जेपी नड्डा ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपनी बात रखी थी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई) को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया था। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

सभापति ने जताई नाराजगी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से बाहर चले जाने के बाद राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "मैंने उनसे अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को नहीं बल्कि गरिमा को पीछे छोड़ा है। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई।"

सभापति ने आगे कहा, "उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने जो संविधान की शपथ ली थी उसका अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता...मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं...यह एक अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उन्होंने जो शपथ ली थी उसकी अवहेलना की है... भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे आशा है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।"

पढ़ें- संबोधन की बड़ी बातें

- राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था। पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं। इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं: PM मोदी

- कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है: PM

- 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है। पिछले 10 साल तो हमारे लिए ‘एपेटाइजर’ रहे, 'मेन कोर्स' तो अब शुरू हुआ है: प्रधानमंत्री मोदी

- नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार... इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर: PM

- मेरे जैसे अनके लोग हैं, जिनको बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के कारण यहां तक आने का अवसर मिला है। जनता-जनार्दन ने मुहर लगाई और तीसरी बार भी आने का अवसर मिला: पीएम मोदी

- जब लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं?:- PM

- आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं: PM

- ये चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मोहर है ही लेकिन इस चुनाव में भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है। क्योंकि देश की जनता का एकमात्र भरोसा हम पर होने के कारण उन्होंने आने वाले सपनों को, संकल्पों को सिद्ध करने के लिए हमें अवसर दिया है: PM

- जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा... ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं: PM

- मैं किसानों को लेकर सभी सदस्यों का और उनकी भावनाओं का आदर करता हूं। बीते 10 वर्षों में हमारी खेती लाभकारी हो, किसान को लाभकारी हो, इस पर हमने हमारा ध्यान केंद्रित किया है और अनेक योजनाओं से उसको ताकत देने का प्रयास किया है: पीएम मोदी

- जब किसान कल्याण हमारी सरकार के हृदय के केंद्र में हो तो नीतियां कैसे बनती हैं और लाभ कैसे होता है, उसका सदन को उदाहरण देना चाहता हूं। हमारी योजना का लाभ 10 करोड़ किसानों को हुआ है। तीन लाख करोड़ हम किसानों को दे चुके हैं: पीएम मोदी

- हमने कृषि को एक व्यापक स्वरूप में देखा है और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया है। कांग्रेस के कार्यकाल में 10 साल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया था और 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया था। उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। गरीब किसान का तो नाम-ओ-निशान नहीं था। उनको लाभ पहुंच भी नहीं पाया था: PM

- दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई: PM

- मैं कांग्रेस के कुछ साथियों का हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूं। नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार...इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर: PM

- इस बीच हमारे कांग्रेस के लोग भी खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है? क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है?: PM

- क्या आप 1977 का चुनाव भूल गए? जब रेडियो-अखबार सब बंद थे। देशवासियों ने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए वोट किया था। संविधान की रक्षा के लिए पूरे विश्व में इससे बड़ा कोई चुनाव नहीं हुआ है। भारत की रगो में लोकतंत्र किस प्रकार जीवित है, ये 1977 में देश ने दिखा दिया था। आप देश को गुमराह कर रहे हो: PM मोदी

- पिछली सरकार में 10 साल क्या हुआ था। ये कैबिनेट में थे खड़गे जी, प्रधानमंत्री संवैधानिक पद है। प्रधानमंत्री के ऊपर एनएससी बैठ जाना, कौन से संविधान में से लाए थे ये पद, कौन सा संविधान अनुमति देता है आपको। वह कौन सा संविधान है, जो एक सांसद को कैबिनेट के निर्णय को फाड़ देने का हक दे देता है। हमारे देश में लिखित प्रोटोकॉल की व्यवस्था है। कोई मुझे बताए, ये कौन सा संविधान था, जो संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को बाद में और एक परिवार को पहले प्राथमिकता देता है: PM

- केंद्र की जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों का सरकार दुरुपयोग कर रही है, ऐसा कहा ​गया है। शराब घोटाला करे AAP, भ्रष्टाचार करे AAP, बच्चों के क्लासरूम बनाने में घोटाला करे AAP, पानी तक में घोटाला करे AAP... AAP की शिकायत करे कांग्रेस, AAP को कोर्ट तक घसीट कर ले जाए कांग्रेस और कार्रवाई हो तो गाली दें मोदी को: PM

- बीते अनेक दशकों में बंद, हड़ताल, आतंकी धमकियां, इधर-उधर बम धमाकों की कोशिशें एक प्रकार से लोकतंत्र पर ग्रहण बनी हुई थीं। इस बार लोगों ने संविधान पर अटूट विश्वास रखते हुए अपने भाग्य का फैसला लिया है। मैं जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं को विशेष रूप से बधाई देता हूं: PM

- मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहां जो घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा FIR ​की गईं हैं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं: PM

- मणिपुर में भी स्कूल-कॉलेज संस्थान खुले हुए हैं। जैसे देश में परीक्षाएं हुईं, वहां भी परीक्षाएं हुई हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी से बातचीत करके सौहार्द का रास्ता खोलने की कोशिश कर रही है। छोटे-छोटे ग्रुपों से बात की जा रही है। गृहमंत्री वहां जाकर कई दिन रहे हैं। अधिकारी भी लगातार जा रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हर प्रकार से प्रयास किया जा रहा है: PM

 

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