Advertising: DMK ने कुल खर्च का 87%, AAP ने 46% और BJP ने 37% विज्ञापनों पर उड़ा दिए, देखें अन्य पार्टियों की लिस्ट

Political Advertising: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की DMK ने 2021-22 में कुल 35.40 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से तमिलनाडु में सत्ताधारी दल ने विज्ञापन पर 30.62 करोड़ रुपये यानी 87 फीसदी खर्च किए हैं। वहीं, इसकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी AIADMK भी पीछे नहीं है। 2021-22 के दौरान BJP के कुल खर्च का 75 फीसदी चुनावी अभियान पर था। इसमें विज्ञापन और प्रचार शामिल है

अपडेटेड Jan 28, 2023 पर 5:05 PM
Story continues below Advertisement
Political Advertising: CPM और कांग्रेस ने ऑडिट रिपोर्ट में अपने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया है

Political Advertising: पार्टी की वार्षिक बैलेंस शीट के अनुसार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने 2021-22 में कुल 35.40 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से तमिलनाडु में सत्ताधारी दल ने विज्ञापन पर 30.62 करोड़ रुपये यानी 87 फीसदी खर्च किए हैं। वहीं, इसकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) भी पीछे नहीं है क्योंकि दक्षिणी राज्य में मुख्य विपक्षी दल ने विज्ञापनों पर लगभग 78 प्रतिशत यानी 22.28 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। News18 द्वारा आधिकारिक आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ये जानकारी सामने आई है।

पिछले हफ्ते भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने भारत में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की। इनमें से News18 ने 17 पार्टियों के खर्च का विश्लेषण किया है। NCP, YSRCP और CPI द्वारा चुनाव निकाय को सौंपी गई अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार विज्ञापन पर इन तीनों पार्टियों ने कोई राशि खर्च नहीं की है। News18 के मुताबिक, CPM और कांग्रेस ने ऑडिट रिपोर्ट में अपने चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं दिया है।

इन पार्टियों ने EC को सौंपी खर्च की रिपोर्ट


जिन अन्य पार्टियों के खर्च का विश्लेषण किया गया उनमें केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC), बिहार से JDU और RJD, आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (TDP), यूपी से समाजवादी पार्टी (SP) और BSP, ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) और तेलंगाना की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) शामिल है। बता दें कि TRS का नाम बदलकर अब भारत राष्ट्र समिति यानी BRS कर दिया गया है।

BJP ने कितने करोड़ किए खर्च?

अगर भगवा पार्टी की तरफ से खर्च की गई पूरी रकम की बात की जाए तो विज्ञापन और प्रचार पर सबसे ज्यादा 313.17 करोड़ रुपये खर्च करने वाली बीजेपी ही है। हालांकि, वित्तीय वर्ष के दौरान पार्टी के कुल खर्च में विज्ञापनों की हिस्सेदारी के मामले में बीजेपी सबसे निचले पायदान पर है। 2021-22 के दौरान बीजेपी के कुल खर्च का 75 फीसदी चुनाव और आम प्रचार पर था। इसमें विज्ञापन और प्रचार शामिल है।

पार्टी ने ऑडियो और वीडियो क्रिएटिव पर 18.41 करोड़ रुपये के अलावा विज्ञापनों पर 164.01 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापन पर 72.28 करोड़ रुपये खर्च किए। अन्य 36.33 करोड़ कटआउट, होर्डिंग और बैनर पर खर्च किए गए। प्रिंटेड मैटेरियल के माध्यम से विज्ञापनों पर 22.12 करोड़ रुपये खर्च हुए। आंकड़ों से पता चलता है कि पार्टी ने अपने कुल खर्च का 37 फीसदी विज्ञापन और प्रचार पर खर्च किया है।

DMK ने भी जमकर किए खर्च

तमिलनाडु की सत्तारूढ़ DMK ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन पर 10.67 करोड़ रुपये और केबल और टीवी चैनलों पर 19.95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 2021-22 के दौरान पार्टी के चुनावी खर्च का 97 प्रतिशत से अधिक और पार्टी के कुल खर्च का 87 प्रतिशत हिस्सा विज्ञापन पर होता है। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी ने कुल 35.40 करोड़ रुपये के खर्च में से 31.54 करोड़ रुपये खर्च किए।

ममता बनर्जी की पार्टी ने 135.12 करोड़ रुपये उड़ाए

ममता बनर्जी की TMC ने कुल 268.33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इसमें से 50 फीसदी यानी 135.12 करोड़ रुपये चुनाव खर्च पर खर्च किए हैं। पार्टी ने प्रचार पर 28.95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो कुल खर्च का महज 11 फीसदी है। पार्टी ने 2021-22 के दौरान कर्मचारियों के वेतन पर 1.82 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2020-21 में 58.32 लाख रुपये थे। TMC ने 2020-21 के दौरान 3.96 करोड़ रुपये से बढ़कर प्रशासनिक और सामान्य खर्चों पर 25.81 करोड़ रुपये खर्च किए।

AAP ने विज्ञापन पर कहा-कहां उड़ाए पैसे

तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक ने 2021-22 के दौरान 28.43 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें 22.47 करोड़ रुपये का चुनावी खर्च भी शामिल है। अरविंद केजरीवाल की AAP ने 2021-22 के दौरान 30.29 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से 13.66 करोड़ रुपये प्रचार खर्च और सार्वजनिक बातचीत पर खर्च की गई, जबकि 11.34 करोड़ रुपये चुनावी खर्च थे।

ये भी पढ़ें- 'प्रधानमंत्री नहीं, एक भक्त के तौर पर आया हूं', पढ़ें- भीलवाड़ा में भगवान देवनारायण की जयंती पर पीएम मोदी की बड़ी बातें

पार्टी ने प्रशासनिक और सामान्य खर्च के रूप में 4.27 करोड़ रुपये और कर्मचारी लागत पर 61 लाख रुपये खर्च किए। पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि उसने विज्ञापन पर 13.85 करोड़ रुपये या कुल खर्च का 46 फीसदी खर्च किया है, जिसमें 4.68 करोड़ रुपये का मीडिया अभियान शामिल है। AAP ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 4.88 करोड़ रुपये के विज्ञापन और कटआउट, होर्डिंग्स, बैनर और इसी तरह की अन्य वस्तुओं पर 1.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

अन्य पार्टियों के हाल

2021-22 के दौरान मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने 85.17 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें चुनावों पर 69.59 करोड़ रुपये शामिल हैं। पार्टी की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा के चुनावी खर्च में 13.83 करोड़ रुपये का प्रचार खर्च भी शामिल है, जो पार्टी के कुल खर्च का 16 फीसदी है। नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) ने 2021-22 के दौरान 28.63 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से 23.04 करोड़ रुपये पिपली विधानसभा और जिला परिषद और शहरी चुनावों में उपचुनाव के दौरान चुनावी खर्च थे। शहरी चुनाव के दौरान पार्टी ने विज्ञापन पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि जिला परिषद में पार्टी ने विज्ञापन पर 11 करोड़ रुपये खर्च किए। पार्टी ने अपने कुल खर्च का 56 फीसदी विज्ञापन पर खर्च किया है।

नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 2021-22 के दौरान 4.15 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से 1.82 करोड़ रुपए चुनावी खर्च और 1.85 करोड़ रुपए प्रशासनिक और सामान्य खर्चे पर थे। पार्टी ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर 36.82 लाख रुपये खर्च किए हैं। 2020-21 में, जब बिहार चुनाव हुआ, तो पार्टी द्वारा 24.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें से 22.31 करोड़ रुपये चुनावी खर्च थे। वर्ष 2020-21 के दौरान 5.65 करोड़ रुपये की राशि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन पर थी।

अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) ने विज्ञापन पर 7.56 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो उसके 54 करोड़ रुपये के कुल खर्च का 14 प्रतिशत है। जबकि TRS ने विज्ञापन पर 7.12 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो उसके कुल खर्च का लगभग 27.93 करोड़ रुपये है। टीडीपी ने अपने कुल खर्च का सिर्फ छह फीसदी - 25.57 करोड़ रुपये के कुल खर्च में से 1.66 करोड़ रुपये - विज्ञापन पर खर्च किया है।

2021-22 में सीपीएम ने 83.41 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें चुनावों पर खर्च किए गए 13.03 करोड़ रुपये शामिल हैं। जबकि कांग्रेस ने उस वित्तीय वर्ष के दौरान 400 करोड़ रुपये खर्च किए और उसमें से 279.73 करोड़ रुपये चुनावों पर खर्च किए गए।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 28, 2023 4:55 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।