पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और राज्य के अधिकारियों के बीच बुधवार को तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया। क्योंकि मुख्यमंत्री मान ने हड़ताल पर बैठे PCS और राजस्व अधिकारियों को दोपहर 2 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और उनकी हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव वीके जांजुआ को अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा से पहले ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
दरअसल अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने पर राज्य के PCS और राजस्व अधिकारियों और IAS अधिकारी सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। इसके चलते मान और उनकी नौकरशाही के बीच तनाव बढ़ रहा है।
सीएम मान ने मुख्य सचिव को लिखे एक आधिकारिक पत्र में उनसे उन सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित करने के लिए कहा है, जो दी गई डेडलाइन के भीतर अपनी ड्यूटी ज्वाइन करते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी/कर्मचारी दबाव बनाकर और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर राज्य सरकार को ब्लैकमेल करनी की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की ये कार्रवाई ब्लैकमेलिंग और हाथ मरोड़ने वाली है।
उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार के प्रति हमारा जीरो टॉलरेंस है।" उन्होंने कहा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरफ से हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
PCS अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में लुधियाना में एक सहकर्मी की "अवैध" गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले, नीलिमा के रूप में पहचानी जाने वाली एक वरिष्ठ IAS अधिकारी पर भी औद्योगिक भूखंड घोटाले (Industrial Plot Scam) के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री पर मामला दर्ज किया गया है।
नौकरशाहों का आरोप है कि कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मान सरकार की कोशिशों का निशाना अधिकारी बन रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर IAS एसोसिएशन ने मान सरकार से भी मुलाकात की थी।
पंजाब IAS एसोसिएशन ने बुधवार को एक आपात बैठक भी बुलाई है। कई वरिष्ठ IAS अधिकारियों ने भी एसोसिएशन से मामले को मजबूती से उठाने की अपील की है और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए इस्तीफा देने की धमकी भी दी है।