कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) की सीट के पास 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली है। राज्यसभा के चेयरमैन और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने इस मामले में जांच के आदेश दिए है। जगदीप धनखड़ ने खुद शुक्रवार 6 दिसंबर को सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम को जांच के दौरान सासंद अभिषेक मनु सिंघवी की आवंटित सीट के पास से 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली है।
उन्होंने सदन को बताया कि सीट संख्या 222 के पास मिली नोटों की गड्डी पर आज सुबह तक जब किसी ने दावा नहीं किया तो उन्होंने सदन की परंपरा का पालन करते हुए इसकी जांच का आदेश दिया। उन्होंने कहा, "जांच चल रही है।" इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर हंगामा भी हुआ और इसकी शुरुआत सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से की गई।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मामले की अगर जांच हो रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक सदस्य के नाम को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था। सभापति धनखड़ ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पता करवाया कि क्या गुरुवार को वे सदस्य सदन में आए थे कि नहीं। उन्होंने पाया कि उस सदस्य ने हस्ताक्षर पुस्तिका (डिजिटल) पर हस्ताक्षर किए थे।
इस बीच, अभिषेक सिंघवी ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं। मैंने इस बारे में पहली बार सुना। मैं दोपहर 12.57 बजे सदन पहुंचा और सदन दोपहर 1 बजे उठा। फिर, मैं दोपहर 1.30 बजे तक कैंटीन में बैठा और फिर संसद से चला गया।"
सिंघवी ने कहा कि उन्हें यह सुनकर आश्चर्य हुआ, क्योंकि कल सदन में वे कुल मिलाकर तीन मिनट ही रुके थे। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, "मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है। निश्चित रूप से इस बात की जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे कहीं भी किसी भी सीट पर कुछ भी रख सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "इसका मतलब है कि हममें से प्रत्येक के पास एक सीट होनी चाहिए, जहां सीट को लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें, क्योंकि तब हर कोई सीट पर कुछ भी कर सकता है और इस बारे में आरोप लगा सकता है।"
उधर संसदीय कार्यमंत्री मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में कहा कि सांसद सदस्य का नाम लिए जाने पर किसी को आपत्ति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें (नाम लेने पर) कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सदन में नोटों की गड्डी मिलना कहीं से भी सही नहीं है। रीजीजू ने कहा, "आज डिजिटल जमाना है और कोई इतने सारे नोट लेकर नहीं चलता। इसकी जांच होनी चाहिए।"
वहीं सदन के नेता JP नड्डा ने इसे असाधारण घटना बताया और कहा कि इसकी प्रकृति ‘बहुत गंभीर’ है। उन्होंने कहा, "यह पक्ष और विपक्ष के विभाजित होने का मुद्दा नहीं है। यह सदन की गरिमा पर चोट है। सदन के कृतित्व पर प्रश्नचिह्न है।" उन्होंने विस्तृत जांच का भरोसा जताते हुए कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।
नड्डा ने खरगे पर इस मामले की जांच को दबाने का आरोप भी लगाया लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने जांच का कभी विरोध नहीं किया। कुछ देर इस मुद्दे पर हंगामा होने के बाद सभापति ने शून्यकाल की शुरुआत की और सदस्यों ने फिर अपने-अपने मुद्दे उठाए।