भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को समर्थन देने की खबरों का खंडन किया है। प्रयागराज के परेड ग्राउंड में किसान संगठनों के तीन दिवसीय मंथन सत्र के समाप्त होने के बाद किसान नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में वे किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे।
उनका बयान बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत द्वारा उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय लोक दल-समाजवादी पार्टी गठबंधन के लिए समर्थन की अपील करने के बाद आया है। हालांकि, सिसौली में बीजेपी के संजीव बाल्यान के साथ बैठक के चंद घंटों के बाद बीकेयू प्रमुख ने अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि वह किसी का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, किसान नेता ने कहा कि किसानों को अपना नफा-नुकसान खुद देखना है। उन्होंने कहा किसान आंदोलन की सबसे बड़ी जीत यह है कि अब राजनीतिक पार्टियां उसके बारे में सोचने लगे हैं। मंथन सत्र में किसानों के मुद्दे पर किसान संगठनों की आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
किसानों के 'चिंतन शिविर' में राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। टिकैत ने कहा कि तीन दिवसीय मंथन सत्र में किसानों और संगठन से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई। बीकेयू नेता ने सरकार के वादों को अधूरे रहने का दावा करने पर भी निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने एक समिति बनाने का वादा किया था। लेकिन वह अभी तक नहीं किया गया है। लखीमपुर खीरी कांड में हमारे कई लोगों को जेल भेजा गया था और गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। यह एक बड़ा मुद्दा है। अनाज की खरीद के मुद्दे हैं। इन विषयों पर चर्चा की गई।
टिकैत ने कहा कि अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी की हिंसा के बाद जो वादे किए थे वे अभी तक पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के 10 सदस्यों की टीम 22 जनवरी से लखीमपुर खीरी में रहेगी। यह टीम पीड़ित किसान परिवारों के साथ अफसरों से बात करेगी।