Russia-Ukraine War Live Updates: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, अचानक भारत वैश्विक कूटनीति के केंद्र में आ गया है। जी हां, बीते 48 घंटे से लेकर अगले 48 घंटे तक दुनिया के कई प्रमुखों देशों के प्रतिनिधि भारत आए हैं या आ रहे हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) आज 31 मार्च से दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं। जबकि ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) भी आज ही भारत का दौरा करेंगी।
ब्रिटिश विदेश मंत्री एस जयशंकर से करेंगी मुलाकात
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस गुरुवार को अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगी और इस दौरान वे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देशों के मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करेंगी। ट्रस की भारत यात्रा के संबंध में ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री लिस ट्रस पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के अवैध आक्रमण के बाद एक व्यापक राजनयिक प्रयास के तहत आज भारत में हैं।
ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक में ट्रस यूक्रेन पर रूस का आक्रमण रोकने, ताकत के दम पर शासन करने की आशंका कम करने और वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लोकतांत्रिक देशों के मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करेंगी। विदेश मंत्री के तौर पर ट्रस की यह दूसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वह पिछले साल अक्टूबर में भारत आईं थी।
रूस के विदेश मंत्री भी आ रहे हैं भारत
ब्रिटेन के अलावा रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी गुरुवार को भारत आ रहे हैं। यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। लावरोव के चीन की दो दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बाद भारत की यात्रा पर आने की उम्मीद है। पीटीआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने एक लाइन के बयान में कहा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से एक अप्रैल तक भारत के आधिकारिक दौरे पर आएंगे।
माना जा रहा है कि लावरोव की यात्रा के दौरान भारत द्वारा रूस से तेल और द्विपक्षीय कारोबार के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा पर होगी। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली के उपकरणों और सैन्य हथियारों की समय पर आपूर्ति पर भी जोर दिया जा सकता है. लावरोव की यात्रा ऐसे समय में होने जा रही है।
भारत में विदेशी नेताओं का जमावड़ा
रूस-यूक्रेन जंग के बीच पिछले कुछ दिनों में कई विदेशी गणमान्य लोगों ने भारत की यात्राएं की है। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह बुधवार को भारत पहुंचे। जबकि जर्मनी के विदेश एवं सुरक्षा नीति सलाहकार जेन्स प्लॉटनर भारत के दौरे पर आए हुए हैं। पिछले सप्ताह चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी भारत का दौरा किया था। इसके साथ इसी सप्ताह हिन्द प्रशांत के लिये यूरोपीय संघ के विशेष दूत गैब्रियल विसेंटिन नई दिल्ली आए।
कई अन्य प्रमुख शक्तियों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया है। वहीं, पिछले गुरुवार को यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर रूस द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भी भारत अनुपस्थित रहा। यह इस संघर्ष को लेकर भारत के निष्पक्ष रूख को प्रदर्शित करता है।
संघर्ष शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर 24 फरवरी, 2 मार्च और 7 मार्च को बात कर चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी दो बार बात कर चुके हैं।