Sandeshkhali Violence: कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को संघर्षग्रस्त संदेशखाली का दौरा करने की अनुमति दे दी है। बंगाल पुलिस ने उन्हें मंगलवार को इस एरिया में प्रवेश करने से रोक दिया था। बीजेपी नेता के खिलाफ बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब कोर्ट ने अधिकारी को मंगलवार को संदेशखाली का दौरा करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने दो लोगों को मौके पर जाने की इजाजत दी है। साथ ही कोर्ट ने संदेशखाली में लागू अगले 7 दिनों के लिए धारा 144 हटा दी है।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि मैं DG से मिलने जा रही हूं। कल मैंने पुलिस के काम में जो कोताही पाई, महिलाओं के प्रति सहयोग का जो अभाव पाया उसपर मैं बात करूंगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने उन्हें राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जाने से रोक दिया।
पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात को भी पुलिस ने संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया। पुलिस ने अधिकारी को संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोक दिया जहां धारा-144 लागू की गई है। पुलिस ने कहा कि सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ में अपील की है। हाई कोर्ट ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी थी।
अधिकारी ने कहा कि वह दोबारा इस मामले को लेकर अदालत का रुख करेंगे। अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ''पुलिस ने मुझे संदेशखाली जाने की अनुमति देने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। पुलिस कह रही है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई है और राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का रुख किया है। मैं यहां विरोध प्रदर्शन करूंगा और फिर अदालत जाऊंगा।''
नंदीग्राम से बीजेपी के विधायक ने पार्टी के समर्थकों के साथ राज्य सरकार के फैसले के विरोध में धमखाली में धरना दिया। अधिकारी को पिछले आठ दिनों तीसरी बार संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने से रोका गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को अधिकारी को संदेशखाली जाने की अनुमति दे दी थी। हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के नेता को अशांत क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया।
माकपा नेता करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि संदेशखाली में उनकी मौजूदगी से वहां शांति भंग हो जाएगी। माकपा नेता को संदेशखाली जाते समय धमखाली नौका घाट पर रोक दिया गया जहां महिलाओं पर यौन अत्याचार और कुछ स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।