Shivaji Statue Collapse: 'सिर झुका कर माफी मांगता हूं' PM मोदी ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर मांगी क्षमा

Shivaji Maharaj Statue Collapse: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में दर्ज FIR में नामजद स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले से जुड़ी FIR में पाटिल को कलाकार जयदीप आप्टे के साथ नामजद किया गया है

अपडेटेड Aug 30, 2024 पर 4:15 PM
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PM Narendra Modi in Maharashtra: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं

PM Narendra Modi in Maharashtra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (30 अगस्त) को महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पालघर जिले में 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस दौरान सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं। मैं उनसे माफी मांगता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं लेकिन उनके अपमान के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं। जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं। मैं आज अपने आराध्य देव की चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।"

पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "हमारे संस्कार अलग हैं। हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें। उनका अपमान करते रहें, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते रहें, और उसके बावजूद माफ़ी मांगने को तैयार न हों... ऐसे महान सपूतों का अपमान करने के बाद जिन्हें पश्चाताप न हो, उनके संस्कार महाराष्ट्र की जनता जान लें।"


प्रधानमंत्री ने कहा, "आज महाराष्ट्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है, ये भारत की विकास यात्रा के लिए बहुत बड़ा दिन है। विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे अहम हिस्सा है, इसलिए महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं। महाराष्ट्र में विकास के लिए ज़रूरी सामर्थ्य है, संसाधन हैं, समुद्री तट हैं और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास है और यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र को और देश को मिले इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है।"

सीएम ने भी मांगी माफी

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना को लेकर आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी गुरुवार को कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह इस पराक्रमी शासक के 100 बार पैर छूने और घटना के लिए माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे। शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए अन्य मुद्दे भी हैं। लेकिन महाराष्ट्र में पूजनीय शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए।

शिंदे ने जोर देकर कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के संरक्षक देवता हैं। मैं 100 बार उनके पैर छूने और (मूर्ति टूटने की घटना के लिए) माफी मांगने को तैयार हूं। मैं माफी मांगने से पीछे नहीं हटूंगा। हमारी सरकार उनके (शिवाजी के) आदर्शों को ध्यान में रखकर काम करती है।"

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उनकी यह टिप्पणी डिप्टी सीएम अजित पवार द्वारा राज्य के लोगों से प्रतिमा ढहने के लिए माफी मांगने के एक दिन बाद आई है। मूर्ति ढहने के बाद राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। राज्य सरकार ने बताया है कि इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था।

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