उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से कुछ हफ्ते पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनावी राज्य में अपने चुनाव पूर्व अभियान को तेज कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जहां बरेली में पार्टी के घर-घर जाकर प्रचार किया, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में एक दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मुजफ्फरनगर में एक जनसभा को संबोधित किया, जिसके दौरान उन्होंने 2014 से भाजपा सरकार के तहत शहर के विकास की सराहना की।
बार-बार होने वाले दंगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर एक ऐसी जगह है जहां कभी दंगे होते थे और समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासन में माफियाओं ने उत्तर प्रदेश पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने पिछली सरकारों पर उनके कार्यकाल के दौरान धर्म और जातिवाद का राजनीतिकरण करने के लिए भी हमला किया।
मुजफ्फरनगर में प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पहले सपा-बसपा ने यहां शासन किया, बहनजी की पार्टी आती थी तो वो एक जाति की बात करती थी, कांग्रेस पार्टी आती थी तो वो परिवार की बात करती थी और अखिलेश बाबू आते थे तो वो गुंडा, माफिया और तुष्टिकरण की बात करते थे।"
उन्होंने कहा, " अखिलेश बाबू को लाज भी नहीं आती, कल यहां कहकर गए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। अखिलेश बाबू आज मैं सार्वजनिक कार्यक्रम में आंकड़े देने आया हूं, हिम्मत हो तो आपके समय के आंकड़े लेकर कल प्रेसवार्ता करिए।"
गृहमंत्री ने आगे कहा, "आपके शासन की अपेक्षा भाजपा सरकार के पांच साल में डकैती में 70%, लूट में 69%, हत्या में 30%, अपहरण में 35% और बलात्कार में 30% से ज़्यादा की कमी हुई है।"
शाह ने सपा-आरएलडी गठबंधन पर कहा, "कल अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की प्रेस कान्फ्रेंस देखी, अखिलेश ने बहुत अच्छे से बात की कि हम साथ-साथ हैं, लेकिन आप साथ-साथ सिर्फ मतगणना तक हो। अगर सरकार बन गई तो जयंत भाई निकल जाएंगे और आजम खान बैठ जाएंगे। टिकटों के बंटवारे से ही समझ में आ गया है कि आगे क्या होने वाला है।"
अमित शाह ने कहा, "मैं मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप सब दंगों को भूल गए हैं क्या, अगर नहीं तो वोट देने में गलती मत करना, नहीं तो मुजफ्फरनगर फिर से जल उठेगा।"