Waqf Bill Report Tabled in Parliament: वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार (13 फरवरी) को विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच लोकसभा के पटल पर रखी गई। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा। साथ ही उन्होंने समिति के समक्ष आए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी सदन में रखा। इससे पहले, गुरुवार को JPC की रिपोर्ट राज्यसभा के पटल पर भी रखी गई। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि उनकी असहमति को रिपोर्ट के साथ संलग्न नहीं किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से आग्रह किया कि वह विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को कोई आपत्ति नहीं है। इस पर बिरला ने कहा कि कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की थी। उनके साथ जिन विषयों पर बात हुई है उन्हें रिपोर्ट के साथ संलग्न कर लिया गया है। विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया और कुछ देर बाद सदन में लौटे।
'भारत माता की जय' के लगे नारे
विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, तो सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। संसद के वर्तमान बजट सत्र के पहले चरण का गुरुवार को आखिरी कामकाजी दिन था। समिति की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी गई थी। समिति की 655 पेज वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया गया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव समाहित हैं। विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।
बीजेपी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया था कि पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास करेगा। समिति ने बीजेपी सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया था और विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया था।
44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव
समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने दावा किया था कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के दमनकारी चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।
विपक्ष-विपक्ष ने क्या कहा?
गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC की रिपोर्ट को लेकर कहा, "विपक्ष को अपनी राजनीति करनी है। मुस्लिम समुदाय के लिए एक बहुत अच्छा संदेशा है कि अब उनका जीवन आसान हो जाएगा... अब उनका हक उनसे कोई नहीं छीन सकता है... वक्फ के नाम पर जो गुंडई होती थी, अब वह बंद हो जाएगी।"
सपा सांसद इकरा हसन ने कहा, "जिस तरीके से कमेटी की कार्रवाई हुई उसमें भेदभाव किया गया है। सभी बिंदुओं को उसमें शामिल नहीं किया गया। हम इस बिल का विरोध करते हैं। ये असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है। हम शुरु से ही इसके खिलाफ थे।"
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC की रिपोर्ट को लेकर कहा, "हम वक्फ (संशोधन) विधेयक की मुखालफत करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ विधेयक में संशोधन न किया जाए। विपक्ष के सांसदों ने भी अपनी आपत्तियां रखी थी। लेकिन उन्होंने रिपोर्ट में नहीं रखा गया।"
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, "गृह मंत्री ने आज सदन में एक मानक स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को वक्फ को लेकर जो असहमति है उसे नियम अनुसार सदन के पटल पर जोड़ दिया जाए। स्पीकर ने उसे जोड़ दिया मैं समझता हूं कि लोकतंत्र में इतने बड़े दिल से गृह मंत्री ने ये संवाद किया। ये भारत के इतिहास में ना देखने को मिला था ना मिल सकता है। ये अपने आप में बड़ा कदम है।"