कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही को देखना बहुत दुखद है। राहुल अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो इस वक्त ठीक ऐसा ही महसूस कर रहे हैं, जैसा कि उन्हें अपने पिता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की 1991 में मृत्यु के समय हुआ था। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में अपने परिजनों और घरों को खोने वाले लोगों को देखकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने इसे ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ करार दिया।
राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह वायनाड, केरल और देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना दर्दनाक है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने की कोशिश करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिलेगा।"
लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है: राहुल गांधी
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, "मेरे लिए तो यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है, लेकिन देखते हैं कि सरकार क्या कहती है।" राहुल गांधी और उनकी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के भूस्खलन (Wayanad Landslide) प्रभावित इलाके चूरलमाला का दौरा किया।
गांधी ने कहा, "हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना काफी दर्दनाक है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है। इन परिस्थितियों में लोगों से बात करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि असल में आपको पता नहीं होता कि उनसे क्या कहना है।"
उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए काफी मुश्किल दिन रहा है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे लोगों को उनका हक मिले।"
क्या बोलीं प्रियंका गांधी?
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ऐसी ही बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों के दर्द कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, "हम उनकी मदद करने और यथासंभव उनका साथ और सांत्वना देने के लिए यहां आए हैं।"
दोनों भाई-बहन यहां चूरलमाला क्षेत्र और मेप्पाडी के एक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और दो राहत कैंप का दौरा करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। भूस्खलन स्थल का दौरा करने के बाद गांधी ने फेसबुक पर लिखा कि आपदा और त्रासदी की तस्वीर देखकर उन्हें काफी दुख हुआ।
उन्होंने कहा, “पीड़ितों में से बहुत से लोग शिफ्ट होना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और वॉलंटियर सहित उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं।"