Kolkata Doctor Rape-Murder Case: भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को विनीत गोयल की जगह कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार (17 सितंबर) को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मनोज वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस प्रमुख नियुक्त किया। जूनियर डॉक्टरों की मांग को मानते हुए यह उनकी पांच शर्तों में से एक थी, जो उन्होंने काम बंद करने की अवधि समाप्त करने के लिए रखी थी। कोलकाता में जूनियर डॉक्टर पिछले महीने शहर के एक सरकारी अस्पताल में अपने एक सहकर्मी के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे गोयल को हटाने की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद की थी।
विनीत गोयल 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। उन्हें अब पश्चिम बंगाल पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) बनाया गया है।
कौन हैं मनोज कुमार वर्मा? (Who is IPS officer Manoj Kumar Verma)
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले मनोज कुमार वर्मा 1998 बैच के IPS अधिकारी हैं। इससे पहले वह एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब एडीजी और आईजी (कानून व्यवस्था) की जिम्मेदारी 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी जावेद शमीम को सौंपी गई है। उन्होंने ADG और IG (कानून और व्यवस्था) के रूप में कार्य किया है। इससे पहले, वे दार्जिलिंग के IG और पश्चिम मिदनापुर में SP के रूप में तैनात थे।
IPS (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी वर्मा पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के पद पर तैनात थे। उन्होंने बैरकपुर पुलिस कमिश्नर और माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में भी काम किया है।
सुप्रीम कोर्ट से ममता को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे मांगे जाने का अनुरोध किया गया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि अदालत के पास ऐसा आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।
पीटीआई के मुताबिक पीठ ने कहा, "यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। आप बार के सदस्य हैं। हम जो कहते हैं, उसके लिए हमें आपकी पुष्टि की आवश्यकता नहीं है। आप जो कहते हैं, वह कानूनी अनुशासन के नियमों के अनुसार होना चाहिए।"
पीठ ने कहा, "हम यहां यह देखने के लिए नहीं बैठे हैं कि आप किसी राजनीतिक पदाधिकारी के बारे में क्या सोचते हैं। हम डॉक्टरों की विशिष्ट शिकायतों के मामले से निपट रहे हैं। अगर आप मुझसे यह निर्देश देने के लिए कहते हैं कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए तो यह हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।"