Champai Soren: कौन हैं हेमंत सोरेन की जगह नए CM बने चंपई सोरेन, जिन्हें कहा जाता है 'झारखंड टाइगर'

Who is Champai Soren: झारखंड में सरायकेला-खरसांवा जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में अपने पिता के साथ खेतों में काम करने से लेकर राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने तक का 67 वर्षीय चंपई सोरेन का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। JMM प्रमुख शिबू सोरेन के वफादार माने जाने वाले राज्य के परिवहन मंत्री रह चुके चंपई सोरेन को 1990 के दशक में अलग (झारखंड) राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में योगदान देने को लेकर 'झारखंड टाइगर' के नाम से भी जाना जाता है

अपडेटेड Feb 02, 2024 पर 4:04 PM
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Champai Soren ने शुक्रवार को झारखंड के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) ने शुक्रवार को झारखंड के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने उन्हें यहां राजभवन में पद की शपथ ग्रहण कराई। चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता सत्यानंद भोक्ता ने राज्य के मंत्रियों के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया और इस अवसर पर झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

67 वर्षीय आदिवासी नेता चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री हैं। वह झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से छठे मुख्यमंत्री हैं। कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले शामिल हैं। चंपई सोरेन को राज्यपाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।

इससे पहले चंपई सोरेन ने राज्यपाल से सरकार बनाने के उनके दावे को जल्द से जल्द स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। प्रदेश में 24 घंटे से कोई मुख्यमंत्री नहीं था। यह स्थिति 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था।


कौन हैं चंपई सोरेन? (Who is Jharkhand’s new CM Champai Soren?)

झारखंड में सरायकेला-खरसांवा जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में अपने पिता के साथ खेतों में काम करने से लेकर राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने तक का 67 वर्षीय चंपई सोरेन का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। JMM प्रमुख शिबू सोरेन के वफादार माने जाने वाले राज्य के परिवहन मंत्री रह चुके चंपई सोरेन को 1990 के दशक में अलग (झारखंड) राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में योगदान देने को लेकर 'झारखंड टाइगर' के नाम से भी जाना जाता है।

सरकारी स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई करने वाले चंपई की शादी काफी कम उम्र में ही हो गई थी। उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। उन्होंने 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। इसके चार साल बाद उन्होंने JMM के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और BJP उम्मीदवार पंचू टुडू को हराया था।

वहीं, 2000 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर वह बीजेपी के अनंत राम टुडू से हार गए। उन्होंने 2005 में बीजेपी उम्मीदवार को 880 मतों के अंतर से शिकस्त देकर इस सीट पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया। चंपई ने 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जीत हासिल की। वह सितंबर 2010 से जनवरी 2013 के बीच अर्जुन मुंडा की अगुवाई वाली BJP-JMM गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। फिर हेमंत सोरेन ने जब 2019 में राज्य में सरकार बनाई, तब चंपई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बनाए गए।

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