PFI पर 5 साल का बैन, टेरर लिंक के आरोप में 8 संगठनों पर बड़ी कार्रवाई

PFI के खिलाफ देश भर में दो बार छापेमारी हो चुकी है। केंद्रीय जांच एजेंसियों और कई राज्यों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से PFI पर बैन लगाने की मांग की थी

अपडेटेड Sep 28, 2022 पर 9:47 AM
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जांच एजेंसियों ने देश भर में PFI के सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है।

केंद्र सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर 5 साल के लिए पाबंदी लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब पीएफआई किसी भी तरह की गतिवधियों को अंजाम नहीं दे सकता है। वह ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, न तो उसका कोई दफ्तर होगा, न वो कोई सदस्यता अभियान चला सकता है और न ही फंडिंग ले सकता है। पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है।

बता दें कि PFI पर पाबंदी लगाने के लिए कई राज्यों ने मांग की थी। हाल ही में NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान सैकड़ों लोग गिरफ्तार हुए हैं।

PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। अब तक के सबसे बड़े अभियान में पीएफआई के खिलाफ दो बार देश भर में छापेमारी हो चुकी है। इन छापेमारियों में संगठन के बड़े-बड़े नेता गिरफ्तार किए गए हैं। देश के 8 राज्यों में मंगलवार को भी पीएफआई के करीब 25 ठिकानों पर छापे पड़े थे और 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था।


15 राज्यों में एक्टिव है PFI

पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है।

2007 में बना PFI

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि PFI की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद तोड़ने के बाद कथित रूप से मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए खड़े हुए आंदोलनों से जुड़ती हैं। 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी। स्थापना के बाद से ही NDF ने केरल में अपनी जड़ें मजबूत कीं और इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में शामिल होने की खबरें भी सामने आती रही हैं।

केरल के अलावा दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक में भी मुसलमानों के लिए काम कर रहे संगठन सक्रिय थे। कर्नाटक में कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी यानी KFD और तमिलनाडु में मनिथा नीति पसाराई (MNP) नाम के संगठन जमीनी स्तर पर मुसलमानों के लिए काम कर रहे थे। इन संगठनों का भी हिंसक गतिविधियों में नाम आता रहा। नवंबर 2006 में दिल्ली में हुई एक बैठक के बाद NDF और ये संगठन एक होकर PFI बन गए। इस तरह साल 2007 में PFI अस्तित्व में आया।

MoneyControl News

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First Published: Sep 28, 2022 8:52 AM

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