Ram Mandir: राम मंदिर से बदल रही अयोध्या की तस्वीर, आर्थिक तौर पर कितनी संपन्न हो रही धर्म नगरी
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर बनने के बाद से अयोध्या की छवि भी एकदम बदल सी गई है। अब ये एक नई अयोध्या है, जिसके पास एक नई तरह से विकसित अपना रेलवे स्टेशन है, खुद का एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और बड़े-बड़े बिजनेस ग्रुप और कंपनियां यहां अपना कारोबार करने के लिए बेताब हैं। तो आइए एक नजर डालते हैं कि रामलला के विराजमान होने के साथ-साथ अयोध्या में क्या कुछ और किस पैमाने पर बदला
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या मास्टर प्लान के अनुसार सरयू नदी घाटों की प्रोजेक्टेड इमेज
Ram Mandir Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हाल ही में अयोध्या (Ayodhya) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था- "भारत को विकसित देश बनाने के अभियान को अयोध्या से नई गति मिल रही है।" मंदिर और विकास को दो अलग-अलग नजरियों से देखा जाता है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण ने साबित कर दिया है कि असल में ये दोनों बातें एक साथ हो सकती हैं। क्योंकि अयोध्या नगरी को राम मंदिर से एक धार्मिक पहचान ही नहीं मिली, बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था में भी जबरदस्त उछाल आया है।
राम मंदिर बनने के बाद से अयोध्या की छवि भी एकदम बदल सी गई है। अब ये एक नई अयोध्या है, जिसके पास एक नई तरह से विकसित अपना रेलवे स्टेशन है, खुद का एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट है और बड़े-बड़े बिजनेस ग्रुप और कंपनियां यहां अपना कारोबार करने के लिए बेताब हैं।
...तो आइए एक नजर डालते हैं कि रामलला के विराजमान होने के साथ-साथ अयोध्या में क्या कुछ और किस पैमाने पर बदला।
मंदिर परिसर के अलावा, अयोध्या ने कई डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए धन आकर्षित किया है, जो न केवल शहर में और उसके आसपास पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि शहर को एक रीजनल ग्रोथ हब में बदल देगा। साथ ही कनेक्टिविटी बढ़ने से कई सेक्टर क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
अयोध्या रेलवे स्टेशन का कायाकल्प
इसी कड़ी में सबसे पहले अयोध्या के रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया गया। एक अनुमान के मुताबिक, अयोध्या स्टेशन के विस्तार को लेकर रेलवे की तरफ से 240 करोड़ रुपये खर्च किए गए। स्टेशन को नया लुक दिया गया।
इसमें खूबसूरत बिल्डिंग, पार्किंग, कर्मचारियों के लिए घर, रेलवे पुलिस का ऑफिस, तीन नए प्लेटफार्म का निर्माण, रोड निर्माण, ड्रेनेज और भी बहुत से विकास कार्य किए गए। अयोध्या स्टेशन की बिल्डिंग की बात करें, तो यह 10 हजार वर्गमीटर में फैला है। वहीं इसके दूसरे चरण में बाकी एयर कॉनकोर्स का काम हुआ, जिसकी लागत 480 करोड़ रुपए है।
अयोध्या एयरपोर्ट सांस्कृतिक पहचान में एक नए युग का प्रतीक है, जो भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ा रहा है। स्थापति की तरप से डिजाइन किया गया और 1,450 करोड़ रुपये की लागत से बना, अयोध्या इंटरनेशन एयरपोर्ट एक इंफ्रास्ट्रक्चर मैजिक है।
अयोध्या हवाई अड्डा, भक्तों और पर्यटकों के लिए यात्रा की सुविधा के लिए रणनीतिक रूप से स्थित है। ये जगह राम मंदिर की पूरक है, जो इस ऐतिहासिक शहर का अनुभव करने के इच्छुक लोगों को एक सहज यात्रा अनुभव प्रदान करता है।
विमानन यातायात और बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व वृद्धि की इस यात्रा में अयोध्या हवाई अड्डा सबसे नया मील का पत्थर है। व्यस्त समय में 750 से ज्यादा यात्रियों की क्षमता और प्रति घंटे चार विमानों की आवाजाही के साथ, ये एक बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा। .दो मंजिला अयोध्या एयरपोर्ट पवित्र शहर के समृद्ध इतिहास को दर्शाने वाला होगा।
अयोध्या में चार गुना बढ़े प्रॉपर्टी के रेट
राम मंदिर उद्घाटन के साथ अयोध्या का रियल्टी बाजार (Reality Market) अब तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या में जमीन और संपत्ति की कीमतें चार गुना हो गई हैं और उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों की तुलना में तेजी से बढ़ रही हैं।
ये तेजी निवेशकों के साथ-साथ स्थानीय जमीन खरीदारों को भी लुभा रही है। उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि राम मंदिर और एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी सुर्खियों और मेगा प्रोजेक्ट से कीमतें बढ़ती रहेंगी।
ANAROCK की एक रिसर्च न केवल राम मंदिर के आसपास बल्कि अयोध्या के बाहरी इलाके में भी जमीन की कीमतों में अच्छी खासी बढ़ोतरी का संकेत देता है।
उदाहरण के लिए फैजाबाद रोड क्षेत्र में रेट 2019 में ₹400-700 प्रति वर्ग फुट से बढ़कर अक्टूबर 2023 तक ₹1,500-3,000 प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गया।
इसी तरह, शहर की सीमा के भीतर, जमीन की औसत कीमतें 2019 में ₹1,000-2,000 प्रति वर्ग फुट से बढ़कर वर्तमान में ₹4,000-6,000 प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। ये उछाल बहुत ही चौंकाने वाला है।
बड़े डेवलपर्स की भी पड़ रही नजर
अयोध्या में हो रहे विकास का बड़े डेवलपर्स और होटल चेन का फायदा उठा रही हैं। अभिनंदन लोढ़ा हाउस ने जनवरी में अयोध्या जिले में 25 एकड़, रेजिडेंशियल, प्लॉटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। ये प्रोजेक्ट नए राम मंदिर से महज 15 मिनट की दूरी पर है।
ताज और रेडिसन जैसी बड़ी होटल चेन भी इस इलाके में प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रही हैं। यह सब आने वाले महीनों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संभावित आमद को पूरा करने के लिए है।
शहर में इंफ्रस्ट्रक्चर सुधार और शहरी विकास परियोजनाएं देखने को मिल रही हैं, जिससे रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों के लिए एक संपन्न केंद्र के रूप में इसकी अपील बढ़ी है।
अयोध्या में बरसेगी लक्ष्मी, 50,000 करोड़ की कमाई
ये कहना गलत नहीं होगा कि रामलला के विराजमान के साथ ही, लक्ष्मी बरसनी शुरू हो जाएगी। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और एक अनुमान के मुताबिक, सिर्फ जनवरी में ही इस भव्य समारोह के होने तक 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई होगी।
व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया कि जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन के साथ अनुमानित 50,000 करोड़ रुपए का कारोबार होगा।
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि 22 जनवरी को मंदिर के अभिषेक को लेकर उत्साह और उमंग ऐतिहासिक है, जो लोगों को मंदिर और भगवान राम से जुड़े सामान की खरीदारी के लिए प्रेरित करेगा।
CAIT के मुताबिक, देश के सभी बाजारों में भगवान राम की तस्वीर अंकित विशेष कपड़े की मालाएं, लॉकेट, चाबी की छल्ले, राम दरबार की तस्वीरें, राम मंदिर के मॉडल, भगवान राम ध्वजा, भगवान राम अंगवस्त्र आदि बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं।
85,000 करोड़ रुपए से होगा अयोध्या का पुनर्विकास
रिपोर्ट्स की मानें, तो इस महीने राम मंदिर के उद्घाटन के बाद हर दिन लगभग 3 लाख टूरिस्ट और भक्तों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पवित्र शहर को अपग्रेड करने के लिए मास्टर प्लान 2031 के अनुसार, अयोध्या का पुनर्विकास 85,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के साथ 10 सालों में पूरा किया जाएगा।
इसमें 875 वर्ग Km के अयोध्या विकास प्राधिकरण क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म डेवलपमेंट की पहचान शामिल है, जिसमें 133 वर्ग Km का वर्तमान मास्टर नियोजित शहर क्षेत्र और 31.5 वर्ग Km का मुख्य शहर होगा।
ET के मुताबिक, वास्तुकार और शहरी योजनाकार दीक्षु कुकरेजा ने कहा कि डिजाइन विजन में सभी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं, जो 21वीं सदी में एक विश्व स्तरीय शहर में होनी चाहिए और साथ ही इस प्राचीन जगह के इतिहास और संस्कृति का जश्न मनाएं। दीक्षु कुकरेजा की फर्म ने ही पूरी अयोध्या के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है।