Ram Mandir: मूर्तिकार अरुण योगीराज ने छह महीने में तैयारी की रामलला की मूर्ति, मां बोलीं- मेरे बेटे के लिए वनवास की तरह थे ये दिन

Ram Mandir Inauguration: योगीराज की माता सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा कि यह बहुत ही हर्ष की बात है कि उनके बेटे की बनाई मूर्ति का चयन किया गया है। उन्होंने कहा, "जब से हमें यह खबर मिली है कि अरुण द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन (स्थापना के लिए) किया गया है, हम बहुत खुश हैं। हमारा पूरा परिवार प्रसन्न है।" योगीराज ने ही केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाई है

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 3:19 PM
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Ram Mandir: राम मंदिर गृभगृह में लगेगी अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति, मां बोलीं- छह महीने मेरे बेटे के लिए वनवास की तरह थे

Ram Mandir Inauguration: कर्नाटक में मैसुरु के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) का परिवार खुशी से झूम रहा है, क्योंकि अयोध्या (Ayodhya) राम मंदिर ट्रस्ट ने उनकी बनाई 'रामलला' की मूर्ति को राम मंदिर (Ram Mandir) में स्थापना के लिए चुना है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को अयोध्या में घोषणा की थी कि नई मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है और कहा कि इसे 18 जनवरी को 'गर्भगृह' में 'आसन' पर रखा जाएगा।

योगीराज की माता सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा कि यह बहुत ही हर्ष की बात है कि उनके बेटे की बनाई मूर्ति का चयन किया गया है। उन्होंने कहा, "जब से हमें यह खबर मिली है कि अरुण द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन (स्थापना के लिए) किया गया है, हम बहुत खुश हैं। हमारा पूरा परिवार प्रसन्न है।"

योगीराज ने ही केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाई है।


योगीराज ने रामलला की नई मूर्ति बनाने में आई चुनौतियों के बारे में न्यूजे एजेंसी PTI से कहा, "मूर्ति एक बच्चे की बनानी थी, जो दिव्य हो, क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति है। जो भी कोई मूर्ति को देखें उसे दिव्यता का एहसास होना चाहिए।"

प्रख्यात मूर्तिकार ने कहा, "बच्चे जैसे चेहरे के साथ-साथ दिव्य पहलू को ध्यान में रखते हुए मैंने लगभग छह से सात महीने पहले अपना काम शुरू किया था। मूर्ति के चयन से ज्यादा मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि ये लोगों को पसंद आनी चाहिए । सच्ची खुशी मुझे तब होगी जब लोग इसकी सराहना करेंगे।"

कौन हैं अरुण योगीराज?

अरुण योगीराज मूर्तिकारों के परिवार से हैं, जो पांच पीढ़ियों से इस पेशे से जुड़े हुए हैं। उनके पिता एक कुशल मूर्तिकार थे, और उनके दादा बसवन्ना शिल्पी भी थे, जिन्हें योगीराज की वेबसाइट के अनुसार, मैसूर के राजा का संरक्षण मिला था।

40 साल के मूर्तिकार योगीराज को बचपन से ही नक्काशी का शौक रहा है। MBA ग्रेजुएट योगीराज ने कुछ समय के लिए एक IT कंपनी में भी काम किया, लेकिन 2008 में उन्होंने पूरी तरह से मूर्तिकला का काम शुरू कर दिया।

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TOI के मुताबिक, उनकी मां सारस्वथम्मा ने कहा, "अरुण जब छोटा था, तब मेरे पति ने उसे नक्काशी की मूल बातें सिखाईं, जो उसके कॉलेज के दिनों में भी जारी रहीं। वह अपने पिता के साथ घंटों बैठता और कला सीखता। भले ही उसने MBA किया, फिर भी अरुण ने एक फुल टाइम मूर्तिकार बनना ही पसंद किया।"

उन्होंने आगे बताया, "ये छह महीने मेरे बेटे के लिए 'वनवास' की तरह थे। उसने हर मिनट अयोध्या मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्ति बनाने में समर्पित कर दिया।"

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Jan 16, 2024 3:17 PM

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