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खास विश्लेषण: UAE में पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर का निर्माण करने वाली संस्था BAPS और मोदी के बीच रिश्ता है गहरा!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम अबू धाबी में उस हिंदू मंदिर का उदघाटन करने जा रहे हैं, जिसका निर्माण किया है BAPS ने। BAPS यानी बोचासणवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था। स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ी इस संस्था और इसके साधुओं से मोदी का रिश्ता काफी गहरा, काफी पुराना है। यहां तक कि मोदी लोकसभा चुनावों के वक्त जिस कलम से नामांकन करते हैं, वो कलम भी इसी संस्था के आध्यात्मिक प्रमुख की तरफ से आती है।

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड Feb 14, 2024 पर 3:06 PM
खास विश्लेषण: UAE में पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर का निर्माण करने वाली संस्था BAPS और मोदी के बीच रिश्ता है गहरा!
पीएम नरेंद्र मोदी खुद प्रमुख स्वामी की कितनी इज्जत करते थे, कितना प्यार करते थे, इसकी झलक तब भी मिली, जब प्रमुख स्वामी का देहावसान हुआ

बाइस जनवरी को अयोध्या में रामजन्मभूमि पर बने रामलला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान की भूमिका निभाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अबू धाबी में एक और महत्वपूर्ण मंदिर के उदघाटन कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। मंदिर इसलिए खास है, क्योंकि उसका निर्माण एक ऐसे देश में हुआ है, जिसका आधिकारिक धर्म इस्लाम है। संयुक्त अरब अमीरात जो अपने दो प्रमुख शहरों अबू धाबी और दुबई के लिए दुनिया भर में मशहूर है, उसकी राजधानी अबू धाबी में ही इस मंदिर का निर्माण हुआ है। मंदिर निर्माण और इसके लिए भूमि मुहैया कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ी संस्था BAPS, जिसने दुनिया के तमाम हिस्सों और प्रमुख शहरों में भव्य मंदिर बनाए हैं, उसने जब 2014-15 में यूएई में मंदिर निर्माण का संकल्प लिया, तो उसके संतों की बातचीत यहां के शासक परिवार से हुई। शासक परिवार को इसके लिए तैयार करने में मोदी और उनकी सरकार की भूमिका भी बड़ी रही। कोई सोच भी नहीं सकता था कि इस्लामी देश यूएई में मंदिर निर्माण की इजाजत मिलेगी, इसके लिए जमीन मुहैया कराई जाएगी।

लेकिन BAPS से जुड़े साधुओं के अथक प्रयासों और मोदी सरकार के सहयोग से इस मिशन में कामयाबी मिली। यूएई की सरकार ने न सिर्फ मंदिर के लिए जमीन का आवंटन किया, बल्कि मंदिर निर्माण की राह में आने वाली तमाम किस्म की दिक्कतों को भी तेजी से हल किया। मंदिर भविष्य में भी सुरक्षित रहे, इसके अस्तित्व पर कोई खतरा न आए, इसके लिए कड़े कानून बनाये गये।

मोदी की अगुआई में 2014 के बाद से ही अरब देशों के साथ राजनयिक रिश्ते मजबूत करने की जो ठोस पहल की गई, उसकी कामयाबी की एक मजबूत निशानी है यूएई की राजधानी अबू धाबी में रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ ये भव्य, शिखरबद्ध मंदिर। मंदिर निर्माण के काम में लगे बीएपीएस के साधुओं और स्वयंसेवकों को जब भी कोई जरूरत पड़ी, प्रधानमंत्री मोदी ने उसको दूर किया, विदेश विभाग के अधिकारी इस काम में लगे। मोदी समय- समय पर निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा भी करते रहे। बीएपीएस के साधु उनको मंदिर की प्रगति के बारे में समय- समय पर मिलकर जानकारी देते रहे। इसी का परिणाम ये रहा कि कि महज सात साल के अंदर जमीन से लेकर मंदिर निर्माण तक का काम युद्ध गति से पूरा हुआ और आज उद्घाटन की घड़ी आ पहुंची है।

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