पहलवान अंतिम पंघाल पर इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की ओर से तीन साल का बैन नहीं लगाया जा रहा है। पेरिस ओलिंपिक में भारतीय दल ने खुद उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन महिला पहलवान के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रहा है और उन पर तीन साल बैन भी लगाया जा सकता है। इसमें कहा गया था कि IOA अंतिम पंघाल से नाराज है, क्योंकि उन्होंने भारतीय ओलिंपिक दल को शर्मसार किया। हुआ ये कि उन्होंने अपने एक्रीडेशन कार्ड से अपनी बहन को एथलीट विलेज में एंट्री कराने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें पेरिस से देश वापस भेजने का फैसला किया गया।
दरअसल न्यूज एजेंसी PTI ने बताया था कि भारतीय दल के सूत्रों के अनुसार, "ओलिंपिक खेलों के दौरान अनुशासनहीनता के लिए IOA की तरफ से पहलवान अंतिम पंघाल पर तीन साल का बैन लगाया जाएगा। उनके भारत पहुंचने के बाद इस फैसले की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।"
हालांकि, इसके बाद खुद भारतीय दल ने PTI की खबर का खंडन करते हुए लिखा, "IOA उन खबरों का खंडन करता है कि पहलवान अंतिम पंघाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। एसोसिएशन मीडियाकर्मियों से अनुरोध करता है कि कृपया ऐसी रिपोर्ट पोस्ट करने से पहले IOA लीडरशिप से जांच कर लें।"
एथलीट विलेज में एंट्री करने के लिए अंतिम पंघाल ने अपना एक्रीडेशन कार्ड अपनी छोटी बहन को सौंप दिया, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने खेल गांव से बाहर निकलते हुए पकड़ लिया।
अंतिम की बहन को जान पड़ा था पुलिस स्टेशन
अंतिम पंघाल (Antim Panghal) महिलाओं की 53 किलोग्राम इवेंट में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद पेरिस ओलिंपिक से बाहर हो गईं थीं।
IOA के एक बयान में कहा गया, "भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने फ्रांस के अधिकारियों की तरफ से IOA के संज्ञान में अनुशास भंग करने का मामला लाए जाने के बाद पहलवान अंतिम और उनके सपोर्टिंग स्टाफ को वापस भेजने का फैसला किया है।’’
एक सूत्र ने खुलासा किया, "उनकी बहन को फर्जीवाड़ा करने के लिए पकड़ा गया था और उसका बयान दर्ज करने के लिए उसे पुलिस स्टेशन भी ले जाया गया था।"