आर्किटेक्ट, पार्ट-टाइम एक्टर और शेफ...पूरी फिल्मी है वरुण चक्रवर्ती के करियर की कहानी, 33 साल की उम्र में किया डेब्यू
Varun Chakravarthy : भारत की जीत के बाद जब चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब फ्लडलाइट्स के नीचे चमक रही थी तो कुछ लोगों को वरुण की कहानी याद आ रही थी, एक आर्किटेक्ट जिसने अपने करियर की बुनियाद खुद रखी, एक पार्ट-टाइम एक्टर जिसने क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और एक दिन के शेफ जिसने आखिरकार मैदान पर तहलका मचा दिया
किसी फिल्म से कम नही है वरुण चक्रवर्ती के करियर की कहानी
Varun Chakravarthy : वैसे तो ये समय रंगों के त्योहार का है पर इस मौसम में लोग दिवाली का जश्न मना रहे हैं। होली में दिवाली का जश्न मनाने के पीछे का कारण तो हम सबकों पता ही है। टीम इंडिया ने उधर दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया और इधर भारत में चारों तरफ आतिशबाजी होने लगी। वैसे तो फाइनल में न्यूजीलैंड पर मिली जीत की हीरो एक दो नहीं बल्कि कई खिलाड़ी हैं। जीत के हीरो इन्हीं खिलाड़ियों में वरुण चक्रवर्ती का नाम सबसे आगे हैं।
2014 में वरुण चक्रवर्ती ने तमिल स्पोर्ट्स ड्रामा जीवा में एक क्रिकेटर का किरदार निभाया, जो अपने जिंदगी में संघर्ष करता है। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनकी असल जिंदगी भी कुछ ऐसी ही होगी।
पूरी फिल्मी है वरुण के करियर की कहानी
भारत की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले वरुण चक्रवर्ती के करियर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। क्रिकेटर बनने से पहले कभी उन्होंने शेफ के रूप में काम किया, फिल्मों में हाथ आजमाया, इमारतों के डिजाइन बनाए और अब अपनी गेंदबाजी से टीम इंडिया को चैंपियन बना दिया। बता दें कि 2014 में वरुण चक्रवर्ती ने तमिल स्पोर्ट्स ड्रामा जीवा में एक क्रिकेटर का किरदार निभाया, जो संघर्ष करता है। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनकी असल जिंदगी भी कुछ ऐसी ही होगी। इसी दौरान, उन्होंने कुकिंग रियलिटी शो कूकू विद कोमाली में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने क्रिकेट छोड़कर खाना बनाने की दुनिया में कदम रखा।
कभी शेफ तो कभी आर्किटेक्ट
दुनिया भले ही उन्हें एक पार्ट-टाइम एक्टर या किचन में नया हाथ आजमाने वाला समझती रही, लेकिन वरुण चक्रवर्ती का असली सपना हमेशा क्रिकेट था। उन्होंने एक सेफ करियर के लिए इसे छोड़ दिया था। एसआरएम यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री लेने के बाद, वह दिन में इमारतों के नक्शे बनाते और रात में क्रिकेट खेलने के सपने देखते थे। 25 साल की उम्र में वरुण ने ऐसा फैसला लिया, जिसकी उनके प्रोफेसरों को भी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने फ्रीलांस आर्किटेक्ट की नौकरी छोड़कर दोबारा क्रिकेट खेलने का फैसला किया। वह एक लोकल क्लब से विकेटकीपर-बल्लेबाज और तेज गेंदबाज के रूप में जुड़े, लेकिन वहीं किस्मत ने एक अनोखा मोड़ ले लिया।
घुटने की चोट ने वरुण को खुद को नए सिरे से ढालने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने खुद को एक रहस्यमयी स्पिनर के रूप में तैयार किया। आर्किटेक्चर की पढ़ाई से मिले दिमागी हुनर का इस्तेमाल करते हुए, उन्होंने ऐसी घातक गेंदों को भी खोज कीं, जो बल्लेबाजों के लिए पहेली बन गईं। उनकी इसी कला की झलक चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में दिखी, जब भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता।
2017 में कमाल का किया था प्रदर्शन
2017-18 का सीजन वरुण चक्रवर्ती के लिए शानदार रहा। जुबली क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हुए उन्होंने सिर्फ सात मैचों में 31 विकेट लिए। वहीं, तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में वे मदुरै टीम के लिए एक छुपा हुआ हथियार साबित हुए। उनकी बेहतरीन गेंदबाजी आईपीएल स्काउट्स की नजरों में आई और किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 8.4 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया।
हालांकि, चोटों और कुछ नाकामियों ने उनके आईपीएल डेब्यू को मुश्किल बना दिया। लेकिन 2020 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने उन पर भरोसा जताया। वरुण ने शानदार वापसी की, 17 विकेट चटकाए, जिसमें एक मैच में पांच विकेट भी शामिल थे और केकेआर के लिए अहम स्पिन गेंदबाज बन गए।
चैंपियंस ट्रॉफी रहा यादगार सफर...
2021 में फिटनेस समस्याओं के कारण वरुण की राष्ट्रीय टीम में वापसी में देरी हुई, लेकिन 33 साल की उम्र में उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में डेब्यू किया और भारत के दूसरे सबसे उम्रदराज वनडे डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बने। 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को एक नायक की जरूरत थी और वरुण ने यह जिम्मेदारी संभाली। कभी फिल्मों और आर्किटेक्चर में करियर बनाने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी घातक गेंदबाजी से न्यूजीलैंड के दो अहम विकेट चटकाए और भारत को जीत के करीब ला दिया। इस टूर्नामेंट में वरुण ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में दूसरा स्थान हासिल किया। उनकी मिस्ट्री बॉलिंग ने भारत के लिए जीत का रास्ता बनाया, यहां तक कि पाकिस्तान के दिग्गज भी उनके हुनर की तारीफ करने लगे, जबकि न्यूजीलैंड की टीम उन्हें समझ ही नहीं पाई।