WFI Elections: दिग्गज पहलवानों की तरफ से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के लिए जल्द चुनाव की मांग करने के महीनों बाद, उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) ने अध्यक्ष के पद पर जीत हासिल कर ली है। WFI के शीर्ष स्थान के चुनाव ने तब लोगों का ध्यान खींचा, जब इसके प्रमुख और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए। ऐसा माना जा रहा है कि निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के हाथों में अप्रत्यक्ष रूप से कुश्ती संघ का नियंत्रण आ गया।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनिता श्योराण को सात वोट मिले। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा, जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया।
चुनावों के नतीजों से शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक को ये अहसास होगा कि बृजभूषण के खिलाफ उनका विरोध-प्रदर्शन व्यर्थ हो गया है, क्योंकि बदलाव के लिए आक्रामक होकर अभियान चलाने के बावजूद उन्हें कुश्ती जगत का समर्थन नहीं मिला। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण का एक करीबी ही अब अध्यक्ष है।
इन शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर कथित रूप से जूनियर पहलवानों समेत महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और समाज के अलग-अलग वर्गों से भारी समर्थन जुटाने में कामयाब रहे।
इनका विरोध हालांकि उस दिन फेल हो गया, जब उन्होंने 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करने की योजना बनाई और दिल्ली पुलिस ने दंगा करने के लिए सभी प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर से खदेड़ दिया।
पहलवानों ने आधिकारिक तौर पर सात जून को अपना विरोध बंद कर दिया था, जब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बृजभूषण के परिवार के किसी भी सदस्य या करीबी सहयोगी को WFI चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
RSS से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण के बहुत करीबी सहयोगी हैं। निवर्तमान प्रमुख की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए ये उम्मीद है कि संजय नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे।
नई कार्यकारी परिषद के चुनाव से WFI पर लगे वैश्विक संचालन संस्था यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (UWW) के प्रतिबंध को हटाने का भी रास्ता साफ हो जाएगा। UWW ने समय पर चुनाव नहीं कराने के लिए WFI पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे भारतीय पहलवानों को 2023 विश्व चैंपियनशिप में न्यूट्रल खिलाड़ियों के रूप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
चुनाव प्रक्रिया जुलाई में शुरू हो गई थी, लेकिन अदालत में अलग-अलग मामलों के कारण इसमें देरी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक को रद्द कर दिया, जिससे WFI की नई संचालन संस्था के चुनाव की प्रक्रिया का रास्ता खुल गया।