मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने मंगलवार को कहा कि मुकेश अंबानी सुरक्षा खतरे के मामले में जांच कर रहे सचिन वाझे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के सिलसिले में वाझे की भी जांच की जा रही है, जिसकी कार मुंबई में अरबपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास जिलेटिन की छड़ियों के साथ मिली थी।
सचिन वाझे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया, जो दोनों मामलों की जांच कर रही है, वो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। उन्हें NIA ने मार्च में गिरफ्तार किया था और बाद में निलंबित कर दिया था।
एंटीलिया मामले ने महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया, मुंबई पुलिस प्रमुख पद से हटाए गए परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के NCP नेता अनिल देशमुख पर वाझे को शहर के पब और होटलों से 100 करोड़ इकट्ठा करने के लिए कहा था।
आरोपों के मद्देनजर देशमुख ने पिछले महीने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
देशमुख ने सिंह पर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है। देशमुख ने पिछले हफ्ते दावा किया था, "जब NIA ने मामले की जांच शुरू की (SUV-हिरेन हत्या का मामला), तो किसी भी बाधा से बचने के लिए मैंने सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर कर दिया था। अपने तबादले का बदला लेने के लिए, सिंह ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए।"
वाझे मूल रूप से मामले की जांच कर रहे थे, लेकिन हिरेन के साथ उनके संबंधों की रिपोर्ट के बाद हटा दिया गया था, जिन्होंने 17 फरवरी को चोरी की रिपोर्ट की थी। 5 मार्च को हिरेन को एक नाले में मृत पाया गया था। ये बाद में सामने आया कि वाझे ने नवंबर में कार उधार ली थी और इसे 5 फरवरी को वापस कर दिया।
वाझे के अलावा, NIA ने CIU में अपने पूर्व सहयोगी, सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काज़ी, पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश रमणिकलाल गोर को गिरफ्तार किया है। NIA ने दोनों मामलों में वाझे को मुख्य आरोपी बनाया है।