साइबर ठगी रोकने के लिए सरकार ने Airola और holafly ऐप पर लगाई रोक, गूगल और एपल को दिए निर्देश

सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि साइबर ठगी को रोकने के लिए सरकार ने सिम हासिल करने पर काफी सख्ती की है लेकिन अब ठगी करने के लिए साइबर ठग eSIM का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि eSIM लेने के लिए आपको किसी भी ऑपरेटर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है। इसे कुछ ऐप का इस्तेमाल करके जेनरेट किया जा सकता है

अपडेटेड Jan 08, 2024 पर 5:49 PM
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सरकार ने साइबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए Airola और holafly ऐप को बंद कर दिया। इसके अलावा कई और Esim ऐप सरकार के निशाने पर हैं

सरकार ने सिम कार्ड लेने के नियम सख्त कर दिए हैं। लेकिन इसके बाद अब साइबर ठगों ने भी तौर तरीका बदल लिया है। अब वो eSIM ऐप के जरिए फ्रॉड करने लगे हैं। सरकार ने ऐसे दो सिम ऐप्स को बंद करने के निर्देश दिए हैं। सिम कार्ड लेने में सरकारी सख्ती के बाद अब साइबर ठगों ने ही Esim ऐप से फ्रॉड करने की शुरुआत कर दी है। साइबर ठगों ने इसको अपना नया हथियार बना लिया। जिसके बाद सरकार ने ऐसे दो सिम ऐप यानी कि Airola और holafly को बंद करने का निर्देश दिया। eSIM के जरिए साइबर फ्रॉड पर सरकार ने कार्रवाई की है। इसकी वजह ये है कि eSIM ऐप्स बिना वेरिफिकेशन कॉलिंग और इंटरनेट डेटा की फैसिलिटी देते हैं।

साइबर ठगों का नया हथियार

हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि साइबर ठगी को रोकने के लिए सरकार ने सिम लेने पर काफी सख्ती की है लेकिन अब साइबर ठग ठगी करने के लिए eSIM का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि eSIM लेने के लिए आपको किसी भी ऑपरेटर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है। कोई वेरीफिकेशन नहीं कराना होता है। इसे कुछ ऐप का इस्तेमाल करके जेनरेट किया जा सकता है।

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गूगल और एपल को दोनों ऐप्स हटाने के लिए सरकार का निर्देश

इस तरह eSIM का इस्तेमाल करके ठगी को अंजाम दिये जाने के कारण सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने Airola और holafly ऐप को हटाने के निर्देश दे दिये हैं। इन ऐप्स इस्तेमाल ESim बनाने के लिए हो रहा था। सरकार ने गूगल और एपल को निर्देश दिये हैं। सरकार ने गूगल और एपल को निर्देश देते हुए कहा कि इन दोनों ऐप्स को अपने प्लेस्टोर से हटा दें।

कई और Esim ऐप सरकार के निशाने पर

असीम ने आगे कहा कि Airola और holafly ऐप के अलावा कई और Esim ऐप सरकार के निशाने पर आ गये हैं। इन ऐप्स के जरिए वॉइस कॉलिंग और इंटरनेट डेटा पैक मिलते हैं। ऐसे esim बनाने के लिए किसी भी वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे ई-सिम का उपयोग करके धोखाधड़ी करने के बाद ठगों के लिए अपराध करके बच निकलना आसान होता है। अभी nomad, alosim जैसे ऐप अभी उपलब्ध है।

 

 

 

Aseem Manchanda

Aseem Manchanda

First Published: Jan 08, 2024 5:49 PM

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