Bad Breath causes: मुंह से बदबू आना एक आम समस्या हो गई है। बहुत से लोग इस समस्या से पीड़ित है। भले ही लोगों के लिए यह एक हल्की समस्या लग रही हो। लेकिन इससे कई बार लोगों को शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 5 से 60 फीसदी लोग सांस की बदबू की समस्या से पीड़ित हैं। सांस की बदबू (bad breath) हेल्थ से जुड़ी कई कारणों से हो सकती है। मुंह का सूखापन, मसूड़ों की बीमारी, साइनस और स्मोकिंग की वजह से भी सांस की बदबू परेशान कर सकती है।
सांस की बदबू के लिए मेडिकल भाषा का एक शब्द है जिसका नाम ‘हैलिटोसिस (halitosis)’ है। दांतों की अच्छी हेल्थ फ्रेश ब्रेथ लेने में आपकी मदद कर सकती है। ज्यादातर सांसों की बदबू का कारण मुंह में खराब बैक्टीरिया का मौजूद होना होता है। जो दांतों के बीच में पैदा हो जाते हैं। जिससे मुंह से बदबू आने लगती है।
अगर आप खाने में लहसुन-प्याज लेते हैं तो मुंह से बदबू आना स्वाभाविक है। प्याज और लहसुन में सल्फर अधिक मात्रा में होता है। जिसे खाने के तुरंत बाद सांसों पर असर पड़ता है। सल्फर हमारे शरीर के ब्लड फ्लो में एब्सोर्ब्ड (absorbed) हो जाता है। जब हम सांस छोड़ते हैं, तो बॉडी से बाहर निकल जाता है। जिससे सांसों में बदबू आती है। अल्कोहल का सेवन करने से मुंह से बहुत ज्यादा बदबू (Bad Breath) आती है। लिक्विड होने के बावजूद शराब पीने के बाद मुंह सूख जाता है। इसकी वजह से बैक्टीरिया बनने लगते हैं। इसके अलावा, कॉफी, मसालेदार खाना और सिगरेट की वजह से भी मुंह सूखता है। मुंह सूखने की वजह से सोते समय लार नहीं बन पाती है। लिहाजा सांसों की बदबू आने लगती है।
सांस की बदबू कैसे करें दूर
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
मुंह में बैक्टीरिया खराब गैस छोड़ते हैं। लार इस रिलीज को रोकता है। आप जितना अधिक हाइड्रेटेड रहेंगे। आपकी सांसों की दुर्गंध कम होगी। इसलिए अगर आपका मुंह सूख रहा है तो बस एक गिलास पानी पिएं।
सांस की बदबू से छुटकारा पाने के लिए आप औषधीय गुणों (medicinal properties) से भरपूर पुदीने की पत्तियों का सेवन करें। पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल आप सलाद, पराठे, गार्निश और कई फूड्स में डालकर कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सांस की दुर्गंध दूर करने का सबसे बढ़िया तरीका मुंह की सफाई रखना है। रोजाना ब्रश करना, हर खाने के बाद कुल्ला करना, ज्यादा देर तक भूखा नहीं रहना, बार-बार पानी पीते रहना आदि ऐसे उपाय हैं। जिनके जरिए काफी हद तक इस समस्या से बचा जा सकता है।