Bihar News: बिहार की राजधानी पटना के सरकारी अस्पताल से एक एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। पटना में गोली लगने से घायल एक व्यक्ति की सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के कुछ घंटों बाद उसकी एक आंख गायब पाई गई। डॉक्टों ने आंख कुतरने के लिए चूहों को दोषी ठहराया। वहीं मृतक के परिवार के सदस्यों ने मामले में गड़बड़ी की आशंका जताई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच करते हुए रविवार शाम को लापरवाही के आरोप में दो नर्सों को सस्पेंड कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अज्ञात हमलावरों ने 15 नवंबर को फंटूश कुमार को गोली मार दी थी। इसके बाद उसे पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) में भर्ती कराया गया था लेकिन उसने शुक्रवार रात को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। स्वास्थ्य विभाग ने घटना के बाद लापरवाही के आरोप में दो नर्सों को निलंबित कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने पीटीआई से कहा, "मामले की जांच उच्च स्तरीय समिति और पुलिस द्वारा की जा रही है। लेकिन प्रारंभिक जांच के आधार पर विभाग ने दो नर्सों को निलंबित करने का आदेश दिया है। ये नर्सें कथित घटना के समय ड्यूटी पर थीं। नर्सों की ओर से लापरवाही के कारण निलंबन का आदेश दिया गया है।"
मंत्री ने हालांकि नर्सों द्वारा कथित तौर पर की गई लापरवाही की प्रकृति के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम और पुलिस द्वारा जांच पूरी होने दीजिए। इसके अलावा पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, "दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।"
NMCH के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि चूहे इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इस मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, "फंटूश कुमार को गोली लगने के बाद ICU में भर्ती कराया गया था। उसका ऑपरेशन किया गया और गोली निकाल दी गई, लेकिन शुक्रवार रात 8:55 बजे उसकी मौत हो गई। उसका परिवार रात 1 बजे तक उसके साथ था। उन्होंने सुबह 5 बजे हमें बताया कि उसकी बाईं आंख गायब है। हम इस बात की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या है। FIR दर्ज कर ली गई है।"
उन्होंने कहा, "मरीज की मौत रात 8.55 बजे हुई और यह घटना रात 1 बजे के बाद हुई। अगर कोई आंख निकाल भी ले तो भी वह ज्यादा काम की नहीं होगी। आंख का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है जब उसे मौत के चार से छह घंटे के भीतर सर्जरी करके निकाल दिया जाए।"