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China COVID-19: चीन में कोरोना से एक बार फिर हाहाकार, 2 साल बाद सामने आए 13,000 से अधिक नए केस

China के वित्तीय शहर शंघाई में लॉकडाउन के बावजूद हालात खराब होते जा रहे हैं, यहां के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची है, ऐसे में चीनी सरकार ने कोरोना रोकने के लिए दोहरी पाबंदियां लागू कर दी है

अपडेटेड Apr 03, 2022 पर 6:07 PM
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पिछले कुछ दिनों में चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं

भारत में जहां कोरोना वायरस के मामले लगातार कम हो रहे हैं वहीं, चीन (China) कोरोना से त्राहिमाम कर रहा है। चीन में दो साल बाद एक बार फिर कोरोना के कारण हाहाकार मच गया है। दो दर्जन से अधिक चीनी प्रांतों में कोरोना संक्रमण फैल चुका है। पिछले कुछ दिनों में चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। रविवार को चीन में रिकॉर्ड 13,146 कोरोना के मामलों दर्ज किए गए, जो दो साल से अधिक समय पहले आई पहली पीक की लहर के बाद सबसे अधिक है।

कोरोना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन के वित्तीय शहर शंघाई में लॉकडाउन के बावजूद हालात खराब होते जा रहे हैं। यहां के अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची है। ऐसे में चीनी सरकार ने कोरोना रोकने के लिए दोहरी पाबंदियां लागू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोरोना के चलते बच्चों को मां-बाप से अलग करके क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है।

शंघाई में लोगों का बुरा हाल


चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने एक बयान में कहा कि 3,146 कोरोना के मामलों में से लक्षण वाले 1,455 मरीज थे, जिनमें 11,691 बिना लक्षणों वाले मामले सामने आए हैं। हालांकि, अभी तक कोई नई मौत दर्ज नहीं की गई है। चीन की सबसे बड़े शहर शंघाई में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लाखों लोग लॉकडाउन के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शहर में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 438 नए मामलों की पुष्टि हुई है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चीनी सरकार ने कोरोना की नई लहर के खिलाफ ऐसे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं कि जिससे आम लोग खौफ में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नए आदेश के मुताबिक, बच्चों को मां-बाप से अलग किया जा रहा है। मां-बाप को अपने बच्चों की लोकेशन तक नहीं बताई जा रही है। शहर की एक महिला एस्थर झाओ अपनी ढाई साल की बेटी को बुखार के बाद अस्पताल लेकर गई थी। घटना 26 मार्च की बताई जा रही है। जांच में पता लगा कि उसे कोरोना है।

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तीन दिन बाद उसकी मां भी कोरोना वायरस हो गई। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने दोनों (मां और बेटी) को अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मां चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन प्रशासन ने एक न सुनी और बेटी को मां से अलग कर दिया। आरोप है कि डॉक्टरों ने उसे धमकी दी कि अगर वो बेटी को बच्चों के लिए बने क्वारंटीन सेंटर में नहीं भेजेंगी तो उसे अस्पताल में ही छोड़ दिया जाएगा। डॉक्टरों ने मां-बाप को मोबाइल पर मैसेज से सिर्फ इतना बताया कि उनकी बच्ची ठीक है, लेकिन कहां रखा गया है ये जानकारी नहीं दी।

भारत में बेहतर हो रहे हालात

इन सब के बीच भारत में कोरोना को लेकर हालात पूरी तरह से काबू में नजर आ रहे हैं। देश में 24 घंटे के दौरान कोरोना के 1,096 नए मामले ही सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को बताया कि आज सुबह सात बजे तक देश में 184 करोड़ 66 लाख 86 हजार 260 कोविड वैक्सीन दिए जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के 1,096 नए मरीज सामने आये हैं।

इनके साथ ही देश के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवा रहे कोरोना मरीजों की संख्या 13, 013 रह गई है। यह संक्रमित मामलों का 0.03 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि इसी अवधि में 1,447 लोग कोविड से मुक्त हुए हैं। अभी तक कुल 4 करोड़ 24 लाख 93 हजार 773 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। ठीक होने वालों की दर 98.76 प्रतिशत है। वहीं, देश में इस अवधि के दौरान इस संक्रमण के कारण 81 लोगों ने जान गंवाई है, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 5,21,345 हो गई है।

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