दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि वह ईश्वर के पुत्र और दूत थे। इस दिन लोग अपने घरों और क्रिसमस ट्री को तरह-तरह की लाइट्स फूल और अन्य चीजों से सजाते हैं। साथ ही चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। जिसकी झलक चारों तरफ देखने को मिलती है। क्रिसमस पर लोग प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर सांता क्लॉज कौन थे और उनका यीशु से क्या है रिश्ता है?
बता दें कि क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इसकी लोकप्रियता देश-दुनिया में फैली हुई है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है और इस पर्व को मनाने की तैयारियां कई महीनों पहले से शुरू हो जाती हैं। क्रिसमस डे से एक दिन पहले 24 दिसंबर की शाम को ईस्टर ईव के रूप में मनाया जाता है।
सांता क्लॉज का असली नाम संत निकोलस था, जो बहुत खुशमिजाज व्यक्ति थे। संत निकोलस का जन्म 280 ईस्वी में तर्की के शहर मायरा में हुआ था। बचपन में ही उनके माता- जन्मे की मृत्यु हो गई थी। इतने कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने अपनी अच्छाई को खोने नहीं दिया। वो जीसस क्राइस्ट की नियमित भक्ति करते रहें। इसके साथ ही वे पहले पादरी और बाद में बिशप बनें। संत निकोलस की पत्नी का नाम क्लॉज था। जिनके साथ वे प्रभु यीशु की भक्ति मगन रहते थे। कहा जाता है कि उन्हें छोटे बच्चों को गिफ्ट्स देना और लोगों में प्यार बांटना काफी पंसद था। जिसके चलते वह रात के अंधेरे में अपनी पहचान छुपाते हुए बच्चों को गिफ्ट्स देने निकला करते थे। जिससे लोग उनके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं हासिल कर सके।
ईसा मसीह या यीशु, ईसाई धर्म के संस्थापक माने जाते हैं। उनका जन्म आज से 2000 साल पहले इजरायल के बेतलहम में हुआ था। इनके माता और पिता नाज़ेरथ से आकर बेतलहम में बस गए थे। यहीं पर प्रभु यीशु का जन्म हुआ था। इनकी माता का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ था। इनके पिता युसूफ पेशे से बढ़ाई थे। मान्यता के अनुसार परमेश्वर के संकेत से युसूफ ने मरियम से शादी की थी। यीशु के जन्म के 2 वर्ष बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गई। उनका लालन-पालन उनकी माता मरियम ने किया था।
सांता क्लॉस का यीशु से क्या है रिश्ता?
आमतौर पर सांता क्लॉज और ईसा मसीह को एक दूसरे से क्रिसमस की वजह से जोड़ा जाता है। लेकिन हकीकत ये है कि दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन सांता क्लॉस का क्रिसमस पर काफी महत्व होता है। इतिहासकारों के अनुसार प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद सांता क्लॉज का जन्म हुआ था।
बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर बांटते थे तोहफे
कहते हैं कि संत निकोलस रंग बिरंगे कपड़े पहनते थे। बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर लोगों को गिफ्ट बांटते थे। जानकारी के लिए बता दें कि संत निकोलस ने 6 दिसंबर 343 ईस्वी में मायरा शहर में अपनी आखिरी सांस ली थी।