भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की Covid-19 की इंट्रानैसल वैक्सीन (Intranasal Vaccine) को मंगलवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से इमरजेंसी इस्तेमाल मंजूरी मिल गई है। ये अपनी तरह की निडल फ्री वैक्सीन हैं। इसके साथ ही देश के वैक्सीन कलेक्शन और ज्यादा मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया कि रेगुलेटर ने 18 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के प्राइमरी वैक्सीनेशन के लिए आपातकालीन स्थितियों में कुछ शर्तों के साथ इस्तेमाल के लिए वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
भारत बायोटेक ने कहा है कि उसकी Covid-19 इंट्रानैसल वैक्सीन, BBV154, कंट्रोल्ड क्लिनिकल ट्रायल फेज III में विषयों में सुरक्षित, अच्छी तरह से सहन करने वाला और इम्युनोजेनिक साबित हुआ है। सफल नतीजों के साथ पहले चरण I और II क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन कैंडिडेट्स का मूल्यांकन किया गया था।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और MD कृष्णा एला ने हाल ही में कहा था कि फर्म ने लगभग 4,000 वालंटियर्स के साथ इंट्रानैसल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया और अब तक साइड इफेक्ट का एक भी उदाहरण सामने नहीं आया है।
कैसे अलग होती है इंट्रानैसल वैक्सीन?
असल में हाथ के जरिए लगाई गई वैक्सीन का नाक के अंदर बहुत सारे वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का निर्माण करना मुश्किल होता है, जहां कोरोनोवायरस होता है। लेकिन एक नैसल वैक्सीन वायरस को रोकने के लिए एक नई रणनीति पेश कर सकता है, जो लोगों के रोजमर्रा के जीवन को बाधित करता है, भले ही वे हल्के हों।
पिछले साल मार्च में साइंटिफिक अमेरिकन में छपे एक लेख ने नैसल स्प्रे के वैक्सीन विकसित करने का आग्रह किया था, क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के बलगम में वायरस पर उसका तत्काल प्रभाव पड़ता है। वहां वे इम्युनोग्लोबुलिन A नाम के एंटीबॉडी के प्रोडक्शन को ट्रिगर करते हैं, जो संक्रमण को रोक सकता है।
लेख में कहा गया है, "इस जबरदस्त प्रतिक्रिया, जिसे स्टरलाइज़िंग इम्युनिटी कहा जाता है। लोगों के वायरस की चपेट में आने की संभावना को कम कर देता है।"
काली खांसी के खिलाफ नाक वाले स्प्रे वैक्सीन विकसित करने के लिए लिली पाश्चर इंस्टीट्यूट के साथ काम कर रहे शोधकर्ता नथाली मीलकेयरक कहते हैं कि नाक में सीधे इम्यूनिटी को बढ़ाना "दूसरे लोगों को संक्रमित करने का जोखिम कम करता है।"
महामारी पर काबू पाने के लिए नाक वाली वैक्सीन गेम-चेंजर साबित हो सकता है। भारत बायोटेक के अनुसार, इंट्रानैसल वैक्सीन के ये फायदे हैं:
- नाक के म्यूकोसा की इम्यून सिस्टम के कारण नाक के रास्ते वैक्सीनेशन की अच्छी क्षमता है।
- बिना सूई के लगाई जाती है वैक्सीन।
- इसे बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है और इसके लिए किसी ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं है।
- इसे बच्चों और बड़ों दोनों को दिया जा सकता है।