दिल्ली में 0001 वाली नंबर प्लेट जितने में बिकी, उतने में आजाएगी एक SUV! फैंसी नंबरों का बढ़ रहा क्रेज
प्राइवेसी के चलते ये नहीं बताया गया कि आखिर इनती महंगी नंबर प्लेट खरीदने वाला ये शख्स कौन था। इसके बाद जून में 0009 वाली नंबर प्लेट 11 लाख रुपए में बिकी और लिस्ट में दूसरे नंबर पर आ गई। जबकि तीसरे नंबर पर 0007 प्लेट है, जो जनवरी की नीलामी में 10.8 लाख रुपए में गई
दिल्ली में कार के लिए 0001 नंबर प्लेट के लिए 23.4 लाख रुपए तक की बोली लगाई गई
आज कल गाड़ियों के फैंसी और यूनिक नंबर प्लेट का एक फैशन सा चल पड़ा है। लोग अपनी गाड़ी के लिए VVIP नंबर प्लेट पाने के लिए लाखों रुपए भी देने को तैयार हो जाते हैं। ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि दिल्ली में मार्च में हुई नीलामी में देखने को मिला जब 0001 नंबर प्लेट के लिए 23.4 लाख रुपए तक की बोली लगाई गई। इतने पैसे में दो प्रीमियम हैचबैक या कोई अच्छी खासी SUV खरीदी जा सकती है, लेकिन VIP नंबर प्लेट अब एक स्टेटस सिंबल बन गया, जिसके लिए लोग पैसे का भी मुंह नहीं देखते।
TOI के मुताबिक, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि 0001 नंबर प्लेट के लिए मार्च में जबरदस्त बोली लगाई गई, जो इस साल जून तक सभी नीलामियों में सबसे ज्यादा है।
कितने में बिका कौनसा फैंसी नंबर?
प्राइवेसी के चलते ये नहीं बताया गया कि आखिर इनती महंगी नंबर प्लेट खरीदने वाला ये शख्स कौन था। इसके बाद जून में 0009 वाली नंबर प्लेट 11 लाख रुपए में बिकी और लिस्ट में दूसरे नंबर पर आ गई। जबकि तीसरे नंबर पर 0007 प्लेट है, जो जनवरी की नीलामी में 10.8 लाख रुपए में गई।
बड़ी बात ये है कि इस 0001 नंबर प्लेट के लिए बेस प्राइस 5 लाख रुपए तय किया गया था, लेकिन बोले इतनी ऊंची लगी कि कीमत 23.4 लाख रुपए तक जा पहुंची। परिवाहन विभाग दावा है कि इस तर के यूनिक नंबर प्लेट के लिए अक्सर राजनेता, मंत्री या टॉप लेवल के अधिकार ही ज्यादा से ज्यादा बोली लगाते हैं।
0001 नंबर की सबसे ज्यादा डिमांड
एक परिवहन अधिकारी ने बताया नेताओं के बीच और ई-नीलामी में भी 0001 नंबर की सबसे ज्यादा डिमांड थी। ये एक स्टेटस सिंबल की तरह है।
इसी तरह, 0007 पर भी ऊंची बोली लग रही है, क्योंकि इसका नाता सुपरस्पाई जेम्स बॉन्ड और क्रिकेट आइकन महेंद्र सिंह धोनी से है, जिस कारण से ये अब फैशनेबल बन गया है। जनवरी की नीलामी में विभाग को 0002 के लिए 5.1 लाख रुपए मिले।
कितना है रिर्जव प्राइस?
मिनिमम रिर्जव प्राइस 0002 से 0009 नंबरों के लिए 3 लाख रुपए, 0010 से 0099, 0786, 1000, 1111, 7777 और 9999 के लिए 2 लाख रुपए, 0100, 0111, 0300, 0333 नंबरों के लिए 1 लाख रुपए है। बाकी पसंदीदा नंबरों की कीमत लगभग 25,000 रुपये है। मुस्लिम समुदाय में 0786 को शुभ माना जाता है।
1 लाख रुपए और उससे ज्यादा के रिजर्व प्राइस वाले रजिस्ट्रेशन नंबरों के लिए महीने के हर पहले हफ्ते में और दूसरे रिजस्ट्रेशन नंबरों के लिए हर हफ्ते ई-नीलामी की जाती है।
अधिकारी ने कहा, "कोई रजिस्ट्रेशन नंबर अगर नीलामी कैटेगरी में शामिल नहीं है, लेकिन किसी को अगर उसी सीरीज का वो खास नंबर अपनी गाड़ी के लिए चाहिए, तो उसका बेस प्राइस 25,000 रुपए है।"
यूनिक नंबर प्लेट का इतना क्रेज क्यों बढ़ रहा है?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस तरह के यूनिक नंबर प्लेट का इतना क्रेज क्यों बढ़ रहा है? रिपोर्ट में नीलामी से जुड़े अधिकारी के हवाले से बताया गया कि स्टेटस वैल्यू, न्यूमरोलॉजी, नंबर में विश्वास, डेट ऑफ बर्थ और लकी माने जाने वाले नंबर.. ये कुछ ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से लोग इनके लिए लाखों-लाखों रुपए तक देने को तैयार रहते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कई लोगों के पास बहुत सारी कार होती हैं, तो वो अपनी गाड़ियों के लिए एक खास पैटर्न बनाए रखना चाहते हैं, जैसे एक गाड़ी का नंबर- 0001, दूसरी का 0002 और तीसरी के लिए 0003..इसलिए वो इस तरह के नंबर खरीदना चाहते हैं।
यूनिक नंबर प्लेट की ऑनलाइन ई-नीलामी 2014 में शुरू की गई थी। ये परिवहन विभाग की ओर से दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी DTIDC कराता है।
इन लोगों को मिल सकते हैं VIP नंबर
मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज, मुख्य चुनाव आयुक्त, लोकसभा अध्यक्ष, सांसद, विधायक और सीनियर नौकरशाह समेत और भी कई लोग ये नंबर पाने के हकदार हैं।
अधिकारियों ने कहा कि भले ही फैंसी नंबरों का क्रेज हमेशा से रहा है, लेकिन Covid-19 महामारी के बाद इसमें कमी आई और अब तक भी ये महामारी के पहले जितने लेवल तक नहीं पहुंच पाया है।
जून 2017 में, दिल्ली के एक हॉस्पिटैलिटी फर्म ने एक रिकॉर्ड बनाया, जब उसने 0001 नंबर प्लेट के लिए 16 लाख रुपए दिए। उससे पहले का रिकॉर्ड 12.5 लाख रुपए का था, जिसके लिए सितंबर 2014 में दोबारा 0001 की बोली लगाई गई थी।