दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से चल रहा है। उत्तर प्रदेश के गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी तक एक्सप्रेस-वे का ज्यादातर हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क की सीमा से होकर जाता है। ऐसे में इस हिस्से पर जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए बरसाती नदी पर 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। यह एशिया का सबसे लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर होगा। इंडियन नेशनल हाइवे अथॉरिटी से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बाकी काम जून तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में इस एक्सप्रेवे पर जुलाई से आवागमन शुरू हो सकता है।
6-लेन यह एक्सप्रेसवे उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और देश की राजधानी दिल्ली को कनेक्ट करेगा। यह दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर शास्त्री पार्क, खजूरी खास, मंडोला बागपत, खेकड़ा में ईपीई इंटरचेंज, शामली, सहारनपुर होकर देहरादून जाएगा। यह उत्तराखंड के कुछ शहरों से होकर गुजरेगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेवे का काम चार चरणों में
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे 12,000 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है। नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया के अनुसार इस एक्सप्रेसवे का 70 फीसदी ज्यादा काम पूरा हो चुका है और बचा हुआ काम भी तय समय में पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को चार चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहला चरण अक्षरधाम से लेकर बागपत के मवीकला तक है। इसका निर्माण चल रहा है। दूसरा चरण बागपत से सहारनपुर तक है। इसका 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। तीसरा चरण सहारनपुर से गणेशपुर तक है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वहीं चौथा चरण गणेशपुर से आशारोड़ी तक है। काम लगभग पूरा हो चुका है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेवे बनने के बाद यात्रियों के समय में बचत होगी। मौजूदा समय में दिल्ली से देहरादून जाने में 6.5 घंटे लगते हैं। इसके चालू हो जाने के बाद 2.5 घंटे लगेंगे।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेवे का काम साल 2025 तक होगा पूरा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा इस साल जुलाई में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। पूरे एक्सप्रेसवे का काम मई 2025 में पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ एलिवेटेड कॉरिडोर बन रहा है। सबसे अहम बात यह है कि एक्सप्रेसवे का अधिकतर हिस्सा जंगलों के बीच से होकर गुजर रहा है। जंगली जानवरों को कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है।