भारत को द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) के रूप में अपना 15वां राष्ट्रपति मिल चुका है। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ने आज 25 जुलाई यानी सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। पदभार ग्रहण समारोह संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में हुआ। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना (CJI NV Ramana) ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर सोमवार सुबह पुष्पांजलि अर्पित की। मुर्मू ने गुरुवार को विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर इतिहास रच दिया।
मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 प्रतिशत से अधिक वैध वोट प्राप्त किए और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता। इसके साथ ही वह देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। इसके अलावा मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण करने के बाद संबोधन भी दिया। पढ़िए, बड़ी बातें...
- जोहार ! नमस्कार ! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं।आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
- मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है, जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।
- भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
- ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।
- ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।
- मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।
- मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं।