पृथ्वी पर बहुत से जानवर और पक्षी समय के साथ विलुप्त हो गए हैं, यानी अब वे नहीं रहे। लेकिन अब वैज्ञानिक उन विलुप्त प्रजातियों को फिर से ज़िंदा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक बहुत ही दिलचस्प और नई सोच है। फिलहाल, वैज्ञानिकों का ध्यान एक खास पक्षी पर है जिसका नाम है डोडो (Dodo)। डोडो वह पक्षी था जो लगभग 350 साल पहले पूरी तरह से खत्म हो गया था। यह काम बहुत कठिन है, लेकिन वैज्ञानिक इसे जीन इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) की मदद से कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वे डोडो के डीएनए (DNA) पर काम करेंगे और उसे फिर से जीवित करने के लिए नए तरीके खोजेंगे। इस काम में बहुत पैसा और मेहनत लग रही है।
दुनिया से गायब हो गए है 'डोडो'
डोडो पक्षियों की एक बेहद खास प्रजाति थी। डोडो की खास बात ये है कि ये पक्षी होते हुए भी उड़ नहीं सकता था। डोडो की ये खासियत ही उसकी विलुप्त का कारण बन गया। ऐसा कहा जाता है कि जब 16 वीं सदी में इस पक्षी इस कदर शिकार हुआ कि ये विलुप्त हो गए। विलुप्त डोडो को वापस लाने में जुटे वैज्ञानिक डीएनए कोशिका पर रिसर्च कर रहे हैं, इसके लिए वैज्ञानिक उस जीन को ढूंढने में लगे हैं, जिससे डोडो को वापस लाया जा सके।
फिर से जिंदा होगा ये पक्षी
वैज्ञानिकों का मानना है कि अब हमें नई तकनीकों की मदद से विलुप्त जानवरों को फिर से ज़िंदा करने का मौका मिल सकता है। इन तकनीकों को जीन एडिटिंग (DNA में बदलाव) कहा जाता है। और इस काम में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं बेथ शापिरो, जो इस काम की एक प्रमुख वैज्ञानिक हैं। बेथ शापिरो पहले इस विचार के खिलाफ थीं कि विलुप्त जानवरों को वापस लाना चाहिए। उनका मानना था कि डोडो जैसे पक्षियों को वापस लाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनके लिए कोई जहग नहीं बची है और वे फिर से खत्म हो जाएंगे। लेकिन अब उनका विचार बदल चुका है। वह कोलोसल नाम की कंपनी में मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं और इस काम को नए तरीके से आगे बढ़ा रही हैं।
‘डेड एज डोडो’ कहावत होगी पुरानी
बेथ शापिरो, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपने रिसर्च के दौरान प्राचीन हड्डियों से डीएनए निकालकर यह पता लगाती थीं कि बहुत पुराने जानवर कैसे जीवित थे और उनका जीवन कैसे चलता था। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में काम करते हुए, बेथ को एक डोडो की हड्डी मिली। डोडो वह पक्षी था जिसके बारे में बहुत सालों से यह सवाल था कि वह किस तरह का पक्षी था। बेथ ने उस डोडो की हड्डी से डीएनए निकालकर पता लगाया कि डोडो असल में एक बड़ा सा कबूतर था। इस खोज ने डोडो के बारे में सब कुछ बदल दिया और उसे नए तरीके से समझने में मदद की।
पृथ्वी पर कैसे वापस आएगा ये पक्षी?
बेथ शापिरो, अमेरिका की एक कंपनी कोलोसल बायोसाइंस के साथ मिलकर डोडो पक्षी को पृथ्वी पर वापस लाने की कोशिश में जुटी हैं। कोलोसल के वैज्ञानिकों का मानना है कि डोडो को वापस लाने के लिए उन्हें कबूतर के अंडे में कुछ बदलाव करने होंगे। वे डोडो के डीएनए को एक जीवित कबूतर के डीएनए में डालेंगे। इसके बाद, जब वह अंडा टूटेगा, तो जो पक्षी बाहर निकलेगा वह सामान्य कबूतर होगा, लेकिन उसकी प्रजनन प्रणाली में डोडो का डीएनए होगा। फिर जब वह कबूतर अपनी संतानों को जन्म देगा, तो उसकी संतान एक डोडो होगी।
अगर ये सबकुछ सफल रहा तो ये सिर्फ डोडो तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि पहले ही वैज्ञानिकों ने मैमथ जैसे बड़े जानवरों को फिर से लाने पर भी काम करना शुरू कर दिया है। इंसानों की वजह से बहुत से जानवर और पक्षी खत्म हो गए, लेकिन अब वैज्ञानिक उनका जीवन फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर यह काम सफल हो जाता है, तो हमें भविष्य में डोडो और अन्य विलुप्त जानवरों को फिर से देख सकेंगे। यह एक बहुत बड़ी और नई शुरुआत हो सकती है।