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Ganesh Chaturthi 2023: कब है गणेश चतुर्थी? जानिए भगवान गजानन की स्थापना का शुभ मुहूर्त

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी इसी महीने में आने वाली है। हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह चतुर्थी तिथि से शुरू होकर पूरे 10 दिनों तक चलती है। इसे गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 19 सितंबर से होगी

अपडेटेड Sep 04, 2023 पर 3:41 PM
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Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 28 सितंबर को होगा

Ganesh Chaturthi 2023: भगवान गणेश बुद्धि और श्रृद्धि – षिद्धि के देवता हैं। माना जाता है कि बप्पा जहां भी रहते हैं। वहां हर समय सुख-समृद्धि बनी रहती है। गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के दौरान इनकी पूजा करने से ये अधिक प्रसन्न होते है। इनकी पूजा करने से लक्ष्मी माता भी खुश होती है। हर साल यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होता है। इसके ठीक 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन इसका समापन किया जाता है। इसे गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है।

इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 19 सितंबर से होगी। इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 28 सितंबर को होगा। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन इसकी खासतौर से धूम महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मिलती है।

गणेश चतुर्थी 2023 स्थापना का शुभ मुहूर्त


गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा की स्थापना और इसके बाद उनका विसर्जन दोनों ही शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी तिथि पर शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने पर जीवन में सुख-समृद्धि समेत सभी तरह के शुभ फल मिलता है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान दिया जाता है। ऐसे में इस साल गणेश प्रतिमा की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11.07 बजे से दोपहर 01.34 बजे तक है ऐसे में आप इस शुभ मुहूर्त के बीच में घर पर गणपति बप्पा का स्वागत कर सकते हैं।

जानिए कब है गणेश चतुर्थी

पंचांग और हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। आमतौर पर यह तिथि ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त-सितंबर के बीच पड़ती है। इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व मंगलवार 19 सितंबर को शुरू होगा। वहीं दसवें दिन 28 सितंबर को गणपति की मूर्ति विसर्जन की जाएगी।

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गणेश चतुर्थी का महत्व

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्यक्रम में सबसे पहले गणेशी जी की वंदना और पूजा की जाती है। भगवान गणेश बुद्धि, सुख-समृद्धि और विवेक के देवता माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में दोपहर के प्रहर में हुआ था। ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन पर अगर आप घर पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने जा रहे है तो दोपहर के शुभ मुहूर्त में करना होता है। गणेश चतुर्थी तिथि लेकर अनंत चतुर्दशी तक यानी लगातार 10 दिनों तक विधि-विधान के साथ गणेश जी की पूजा उपासना किया जाता है। गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

स्थापना की सही विधि

1 - जिस जगह भगवान गणेश की स्थापना करना हो। उसे अच्छी तरह साफ करके शुद्ध कर लें।

2 - जिस चौकी पर स्थापना करना है। उस पर लाल या पीले कलर का कपड़ा बिछाना चाहिए। इसके गणपति को विराजमान करें।

3 - एक दूर्वा कि मदद से उन पर गंगाजल छिड़कें।

4 - भोग के रूप में उन्हें हल्दी, चावल, चंदन, गुलाब, सिंदूर, मौली, मोदक, फल, फूल, आदि चढ़ांए। भगवान गणेश को मोदक सबसे ज्यादा प्रिय हैं।

5 - इसके बाद महादेव शिव और माता पार्वती की भी पूजा कर उन्हें भोग लगाएं।

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