Heatwave: भीषण गर्मी से बचने के लिए करें ये उपाय, कभी न पहने डार्क कपड़े, नहीं सताएगी गर्मी

Heatwave Cloth Tips: इन दिनों देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। बिहार, ओडिशा, बेंगलुरु जैसे शहर आग उगल रहे हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल है। ऐसे में भीषण गर्मी से बचाव करना बेहद जरूरी है। इन दिनों अपने पहनावा और सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है

अपडेटेड May 01, 2024 पर 4:36 PM
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Heat Wave Precautions: गर्मी के मौसम में लू लगने की समस्या बहुत आम होती है। इसे ही हीट-स्ट्रोक और सन-स्ट्रोक के नाम से जाना जाता है।

गौरव झा

मई का महीना शुरू हो चुका है। भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से लोगों के हालात बेहद खराब हो गए हैं। कई जगह तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। ओडिशा, बिहार, बेंगलुरु में भीषण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। ऐसे में इस दौरान लू (Heat wave) से अपना बचाव करना बेहद जरूरी है। लू लगने के बाद क्या होता है, आप कैसे पहचान सकते हैं कि आपको या परिवार के किसी सदस्य को लू लग गई है। एक बार पता चलने के बाद इसका कैसे इलाज करना चाहिए। ऐसे तमाम सवाल आपके दिमाग में आ रहे होंगे। लिहाजा इस प्रचंड गर्मी से राहत पाने के लिए में लोकल 18 ने बेनीपट्टी सबडिविजनल हॉस्पिटल के उपाधीक्षक डॉक्टर सुशील कुमार से बात की।

डॉक्टरों का कहना है कि हीटवेव कोई नया नहीं है। हर साल इससे जुड़ी समस्याएं आती है। मेडिकल ने इसका समाधान भी ढूंढ निकाला है। आम बातों का ध्यान तो अमूमन हर इंसान रखता है लेकिन कुछ खास बातें जिनका ध्यान हम नहीं रख पाते वो डॉक्टर बता रहे हैं। ताकि आप लू लगने से अपना बचाव कर सकते हैं।


हीटस्ट्रोक क्या है?

हीट स्‍ट्रोक या सन स्‍ट्रोक को आम बोलचाल की भाषा में 'लू लगना' कहते हैं। ये तब होता है। जब शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता है। हीटस्ट्रोक होने पर शरीर का आंतरिक तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। यह कम नहीं हो पाता है। जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है। ऐसी स्थिति में इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता है। हीटस्ट्रोक की चपेट में आने पर शरीर का तापमान 40 डिग्रीसेल्सियस या 104°F से ज्यादा हो सकता है। समय रहते अगर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

लू लगने के लक्षण

1 - लू लगने के बाद शरीर अपना तापमान कंट्रोल में नहीं रहता है। शरीर का तापमान लगातार बदलता रहता है।

2 - शरीर का ताप बढ़ने के बाद भी पसीना बिल्कुल नहीं आ रहा होता है।

3 - लगातार जी-मिचलाता है और उल्टी शिकायत हो सकती है।

4 - त्वचा पर लाल निशान, रैशेज या चकते दिख सकते हैं। इसके साथ ही दिल की धड़कने तेज रहती हैं।

5 - सिर में दर्द बना रहता है। मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है। कुछ भी सोचने-समझने की शक्ति नहीं रहती है।

6 - कुछ सोचने की कोशिकर करो तो चीजें याद नहीं आती हैं। बुखार बढ़ता चला जाता है।

लू से बचाव के उपाय

डॉक्टरों का कहना है कि अगर कोई जरूरी काम न हो तो धूप में नहीं जाना चाहिए। अगर धूप में जाना जरूरी है तो कुछ सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। गर्मी में कॉटन कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए। कपड़ों का रंग का खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। काले कलर के कपड़ों से दूरी बनाकर रहना चाहिए। किसी भी तरह के डार्क कलर के कपड़ों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

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First Published: May 01, 2024 4:35 PM

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