Diabetes: देश में इन दिनों डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता जा रहा है। आज कल के युवा भी डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं। गलत खानपान और लाइफ स्टाइल में खास तौर से ध्यान न देने की वजह से डायबिटीज के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में डायबिटीज पर कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर आप पैदल चलते हैं तो यह सेहत के लिए फायदेमंद है। वहीं अगर आप रोजाना साइकिल चलाते हैं तो इससे डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को साइकिल चलाना किसी दवा से कम नहीं है।
साइकिल चलाना एक एरोबिक एक्टिविटी है। साइक राइड करते समय आपके दिल, रक्त वाहिकाओं (Blood cells) और फेफड़ों (Lungs) सभी की कसरत हो जाती है। शरीर में ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है और आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीजों को साइकिल चलाना बेहद फायदेमंद
साइकिल चलाने से कई फायदे मिलते हैं। साइकिल चलाने से गंभीर हृदय रोगों जैसे स्ट्रोक, दिल का दौरा पड़ने से बचाव होता है। यह डिप्रेशन, मोटापा और कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने में भी फायदेमंद है। इतना ही नहीं साइकिल चलाने से डायबिटीज के लक्षणों को कम किया जा सकता है। साइकिल चलाने से कैलोरी खर्च होती है। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल किया जा सकता है। और यह रक्त में शर्करा की मात्रा को भी नियंत्रित रखता है। रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से काफी फायदा होता है। साइकिल चलाने के बाद अपना शुगर लेवल जरूर जांच लें और डॉक्टर को इससे पड़ने वाले फर्क के बारे में बताएं।
साइकलिंग के दौरान अपने ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप, इंसुलिन, सिरिंज या इंसुलिन पेन और अन्य जरूरी दवाओं जैसी आवश्यक सामग्री को साथ रखें। किसी भी एक्टिविटी को शुरुआत में कम करें। धीरे-धीरे अपनी टाइम लिमिट बढ़ाएं। शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए साइकलिंग एक शानदार तरीका है।
अपने साइकिलिंग सेशन से अधिक फायदे पाने के लिए आपको इसकी राइड की जानकारी होनी जरूरी है। किसी भी अन्य गतिविधि की तरह आपको अपने फॉर्म के बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है। यहां कुछ चीजें हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए।
सिर से पांव तक आपका शरीर सीधा रहना चाहिए। आपके कंधे कानों से दूर होने चाहिए। आपके हाथ आराम की स्थिति में होने चाहिए और कंधे मुड़े हुए होने चाहिए। कोहनी से उंगलियों तक, आपके अग्रभाग एक सीधी रेखा में होने चाहिए। सवारी की स्थिति में झुकने से बचें। आपके घुटने पैर या पेडल के ठीक ऊपर होने चाहिए।