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IAS पूजा खेडकर की मां भी विवादों में घिरीं, पिस्तौल से किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल

IAS Pooja Khedkar Row: पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 841 हासिल की है। वह सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित परिवार से आती हैं। उनके पिता दिलीप खेडकर एक रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं। खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है

अपडेटेड Jul 12, 2024 पर 11:18 PM
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IAS Pooja Khedkar Row: IAS पूजा खेडकर की मां पर किसान का धमकाने का आरोप है

IAS Pooja Khedkar Row: विवादों में घिरीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। उनकी मां का एक पुराना वीडियो ऑनलाइन सामने आया है जिसमें वह हाथ में पिस्तौल लेकर कुछ लोगों को धमका रही हैं। कथित तौर पर यह वीडियो 2023 का है, जो अब उनकी बेटी के विवादों में घिरने के बाद सामने आया है। खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। खेड़कर हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब ट्रेनिंग पूरा होने से पहले ही अलग केबिन और कर्मचारी जैसी मांगों को लेकर विवाद खड़ा करने पर उन्हें पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था।

महाराष्ट्र भर में संपत्ति खरीदने वाले खेडकर परिवार ने पुणे की मुलशी तहसील में 25 एकड़ जमीन खरीदी थी। पूजा की मां पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जमीन के बगल में मौजूद दूसरे किसानों की जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश की है।

कथित तौर पर इसका एक हिस्सा पड़ोसी किसानों की जमीन पर पड़ रही थी। जब किसानों ने इसका विरोध किया तो खेडकर की मां मनोरमा एक बाउंसर के साथ मौके पर पहुंची और किसानों को पिस्तौल से धमकाया। वीडियो में मनोरमा ने दावा किया है कि जमीन उनके नाम पर है।


स्थानीय लोगों में से एक द्वारा रिकॉर्ड किए गए दो मिनट के वीडियो में मनोरमा को हाथ में पिस्तौल लिए एक किसान पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है। वह कैमरा देखने के बाद बंदूक को अपने हाथ में छिपा लेती है। फिर उसके चेहरे पर लहराती है। वह मराठी में उस आदमी से कहती है, "मुझे सातबारा (जमीन के दस्तावेज) दिखाओ। जमीन के दस्तावेजों में मेरा नाम है।"

इस पर वह जवाब देता है कि जमीन के दस्तावेज पर उसका नाम है और मामला अदालत में है। फिर वह अदालत का आदेश दिखाने के लिए कहती है और उस आदमी को चेतावनी देती है कि वह "मुझे नियम न सिखाए"। इस घटना ने स्थानीय किसानों और कार्यकर्ताओं में गुस्सा पैदा कर दिया है जो व्यापक जांच की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने शुरू की जांच

केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के उम्मीदवारी दावों और अन्य डिटेल्स की जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। केंद्र ने एक बयान में कहा कि 2023 बैच की अधिकारी (जिन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है) की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल्स को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी। बयान में कहा गया है कि समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में अपना नया पदभार संभाल लिया। उनका ट्रांसफर पुणे से हुआ था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगा रखी थी।

क्या है आरोप?

34 वर्षीय खेडकर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण सोमवार को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था।

अपनी पिछली कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव करते हुए, खेडकर गुरुवार को वाशिम स्थित अपने कार्यालय में एक बोलेरो कार में पहुंचीं, जो कि लाल बत्ती वाली उस ऑडी कार से अलग थी, जिसका इस्तेमाल वह पुणे में रहने के दौरान इस्तेमाल करती थीं। बढ़ते दबाव के बावजूद, खेडकर ने आरोपों पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि सरकारी नियमों के कारण वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकतीं।

पूजा खेडकर कौन हैं?

पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 841 हासिल की है। वह सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित परिवार से आती हैं। उनके पिता दिलीप खेडकर एक रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं। पूजा ने कथित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र पेश किए।

एनडीटीवी के अनुसार, पूजा खेडकर के पास महाराष्ट्र भर में 22 करोड़ रुपये की कीमत के पांच प्लॉट और दो अपार्टमेंट हैं। उनके पास अहमदनगर और पुणे में क्रमशः 45 लाख रुपये और 75 लाख रुपये मूल्य के दो अपार्टमेंट भी हैं।

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खेडकर पर "सत्ता के दुरुपयोग" के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि वह लाल बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और अपने निजी वाहन, ऑडी सेडान पर "महाराष्ट्र सरकार" का स्टिकर इस्तेमाल कर रही थीं। ट्रेनिंग अवधि के दौरान उनके आचरण के बारे में शिकायतों के कारण उन्हें पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था।

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