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Pooja Khedkar: खतरे में विवादास्पद IAS अधिकारी पूजा खेडकर की नौकरी, हो सकती हैं बर्खास्त

IAS Pooja Khedkar: पुणे पुलिस ने पूजा खेडकर के पुणे में तैनाती के दौरान उनकी निजी कार पर अनधिकृत तौर पर लाल और नीली बत्ती लगाने तथा महाराष्ट्र सरकार की नेमप्लेट लगाने की गहन जांच करेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि खेडकर द्वारा इस्तेमाल की गई ऑडी कार एक निजी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है

अपडेटेड Jul 12, 2024 पर 2:48 PM
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IAS Pooja Khedkar: सूत्रों ने बताया कि DoPT के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी ने मामले की जांच शुरू कर दी है

IAS Pooja Khedkar: पुणे की विवादास्पद आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की नौकरी खतरे में पड़ गई है। पूजा खेडकर को बर्खास्तगी तक की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी डॉ. पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया है। अब वह वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी। आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर अपनी नौकरी के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जमा करने के आरोपों का सामना कर रही हैं।

सूत्रों ने बताया कि DoPT (Department of Personnel and Training) के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दो हफ्ते में जांच पूरी हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक अगर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी पूजा मामले में दोषी पाईं गईं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। साथ ही उनके खिलाफ तथ्यों को छुपाने का आरोप अगर सही पाया गया तो आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है।

सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी का जांच पैनल इन पहलुओं पर गौर करेगा। अपने खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर चल रहे विवाद के बीच पूजा को गुरुवार (11 जुलाई) को सहायक कलेक्टर के रूप में पुणे जिले से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया।


पुणे पुलिस ने भी शुरू की जांच

पुणे पुलिस ने पूजा खेडकर के पुणे में तैनाती के दौरान उनकी निजी कार पर अनधिकृत तौर पर लाल और नीली बत्ती लगाने तथा महाराष्ट्र सरकार की नेमप्लेट लगाने की गहन जांच करेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि खेडकर द्वारा इस्तेमाल की गई ऑडी कार एक निजी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है और अतीत में इस वाहन के खिलाफ चालान काटे गए हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की 32 वर्षीय प्रोबेशनर अधिकारी खेडकर ने अलग केबिन और कर्मियों की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था जिसके बाद ट्रेनिंग पूरा होने से पहले ही उनका तबादला पुणे से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम में कर दिया गया।

उन्होंने गुरुवार को वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के तौर पर अपना पदभार संभाला। पूजा खेडकर पर ये आरोप भी हैं कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र सौंपे थे।

निजी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है ऑडी

जब पुणे पुलिस की एक टीम गुरुवार को खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। पुणे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में कहा, "ऑडी कार से संबंधित कथित उल्लंघन के सिलसिले में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। पाया गया है कि खेडकर ने जो कार इस्तेमाल की थी, वह एक निजी कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड थी।"

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अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "इस मामले की गहन जांच की जाएगी क्योंकि उनकी निजी गाड़ी पर 'लाल-नीली' बत्ती लगाई गई थी और उस पर 'महाराष्ट्र शासन' की नेमप्लेट भी लगी थी। अतीत में उस कार के खिलाफ चालान भी काटे गए थे लेकिन हम उन उल्लंघनों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो गाड़ी से किए गए हैं।"

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