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Indian Railways: टिकट चेक करने वाले TTE और TC में क्या है फर्क? जानें अधिकार और क्या हैं काम

Indian Railways: जब भी ट्रेन में जाते हैं तो आपकी टिकट चेक करने के लिए एक रेलवे के कर्मचारी आते हैं। जिन्हें कोई TTE तो कोई TC कहते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर TTE और TC में क्या अंतर होता है। प्लेटफॉर्म में भी टिकट चेकिंग की जाती है। जिन्हें लोग TTE या TC कह देते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 01, 2024 पर 4:39 PM
Indian Railways: टिकट चेक करने वाले TTE और TC में क्या है फर्क? जानें अधिकार और क्या हैं काम
Indian Railways: TTE का मतलब ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (Travel Ticket Examiner) होता है।

भारतीय रेल को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। वजह यह है कि हमारे देश में तकरीबन 15,000 से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं। जिसमें देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना सफर करता है। ट्रेन में यात्रा के दौरान रेलवे प्लेटफार्म से लेकर चलती ट्रेन में यात्रियों से टिकट के बारे में पूछताछ करने के लिए रेलवे अपने कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है। जिन्हें TTE या TC कहते हैं। आमतौर पर लोग TTE और TC को एक ही समझ लेते हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। दोनों के काम अलग-अलग होते हैं।

TTE और TC दोनों ही रेलवे के कमर्शियल डिपार्टमेंट से आते हैं। लेकिन इन दोनों लोगों के काम अलग-अलग होते हैं। आज हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि TTE और TC में क्या फर्क होता है। इनके अधिकार क्या-क्या होते हैं।

जानिए क्या होता है TTE

जब भी ट्रेन में यात्रा के दौरान जो रेलवे कर्मचारी यात्रियों की टिकट चेक करते हैं। उन्हें TTE कहा जाता है। इसका फुल फॉर्म ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (Travel Ticket Examiner) होता है। रेलवे के इस कर्मचारी को प्रीमियम ट्रेन से लेकर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने वालों के टिकट चेक करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। TTE का काम टिकट चेक करना, आईडी देखना, यात्री सही जगह बैठे हैं या नहीं, यात्रियों को सीट मिली है या नहीं या फिर यात्रियों को कोई दिक्कत तो नहीं है जैसे कामकाज देखना होता है। सीधे शब्दों में कहें तो TTE ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों का ध्यान रखते हैं और उनका मैनेजमेंट देखते हैं।

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