International Yoga Day 2023: योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है। जिसे विदेश में भी पहचान मिली है। विदेशों तक योग के प्रसार का श्रेय योग गुरुओं को जाता है। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया। आज दुनिया भर में योग को लोग अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं और योगासनों के जरिए अपनी सेहत ठीक कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जा रहा है। इस बार योग दिवस को खास बनाने के लिए दिल्ली भी तैयार है। आयुष मंत्रालय ने बताया कि 21 जून को दिल्ली में 26 जगहों पर इंटरनेशनल योग दिवस का आयोजन किया गया है।
इन 26 जगहों में कर्तव्यपथ , लाल किला, कनॉट प्लेस, सेंट्रल पार्क जैसी जगहों को चुना गया है। इस बार प्रधानमंत्रीन नरेंद्र मोदी भी देश से बाहर हैं। इसके चलते वह 21 जून को अमेरिका की धरती से योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पीएम का पद संभालने के बाद शायद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री योग दिवस पर देश से बाहर हैं।
कोरोना काल के बाद योग का महत्व अधिक बढ़ गया। संक्रमण से लड़ने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने के मकसद से लोग योग अभ्यास करने लगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से हो गई थी। इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया था। 27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया और 3 महीने के भीतर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले साल 2015 में पहली बार पूरी दुनिया ने योग दिवस मनाया।
योग दिवस 2023 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग' (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम का मतलब धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।
डायबिटीज और बीपी को चुटकियों में कंट्रोल कर सकते हैं। यह शरीर को लचीलापन बनाता है। योग में कई ऐसे आसान हैं, जिनके जरिए गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है। यह योग डायबिटीज और बीपी जैसे रोगों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।