Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर चांद निकलने का कितना करना होगा इंतजार? यहां जानें पूजा का समय और नियम

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ को सुहागिनों की रात कहा जाता है। साल 2024 में करवाचौथ रविवार 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पावन पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं

अपडेटेड Oct 18, 2024 पर 9:13 AM
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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ को सुहागिनों की रात कहा जाता है।

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ को सुहागिनों की रात कहा जाता है। साल 2024 में करवाचौथ रविवार 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पावन पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत की शुरुआत सुबह सरगी खाकर की जाती है और इसे रात में चंद्रमा की पूजा के बाद समाप्त किया जाता है, जब महिलाएं अपने पति के हाथों से पानी पीती हैं।

करवा चौथ 2024 की तिथि और पूजा मुहूर्त

करवा चौथ 2024 की तिथि: 20 अक्टूबर 2024, रविवार

पूजा का मुहूर्त: शाम 5:46 से रात 7:09 बजे तक (1 घंटा 16 मिनट)


करवाचौथ पर चांद निकलने का समय

चांद निकलने का समय : रात 7:54 बजे

व्रत का पीरियड: सुबह 6:25 से रात 7:54 बजे तक (13 घंटे 29 मिनट)

करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और आपसी विश्वास का प्रतीक है। मान्यता है कि यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशियां लाता है और पति की लंबी आयु की कामना से रखा जाता है। करवा चौथ की पौराणिक कथाएं भी इस व्रत के महत्व को और बढ़ा देती हैं, जैसे कि सावित्री द्वारा अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाना, और महाभारत में द्रोपदी द्वारा व्रत करना।

पूजा का सामान और विधि

करवा चौथ की पूजा के लिए करवा (मिट्टी या तांबे का बर्तन), कलश, रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, पान, दही, मिठाई और सरगी की समाग्री आवश्यक होती है। महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और शाम को शिव परिवार और करवा माता की विधिपूर्वक पूजा करती हैं। चंद्रमा की पूजा के बाद पति की आरती उतारकर व्रत पूर्ण किया जाता है।

व्रत कथा

करवा चौथ व्रत से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, करवा नामक स्त्री ने अपने पति को मगरमच्छ से बचाने के लिए यमराज को बुलाया और मगरमच्छ को बांधकर पति की रक्षा की। करवा के पतिव्रता धर्म से प्रसन्न होकर यमराज ने उसके पति को जीवनदान दिया। तभी से यह व्रत सुहागिनों के लिए विशेष माना जाता है। करवा चौथ का यह पर्व प्रेम, समर्पण और सौभाग्य का प्रतीक है, जो हर विवाहित महिला के जीवन में खास महत्व रखता है।

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First Published: Sep 30, 2024 4:30 PM

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