Keto Diet: बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से आज के समय में मोटापा एक आम समस्या हो गई है। देश में कई लोग मोटापा की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बढ़ते वजन को कम करने के लिए लोग एक्सरसाइज के साथ ही अपनी डाइट का भी खास तौर से ध्यान रखते हैं। इसके लिए लोग कीटो डाइट का ज्यादा सहारा लेते हैं। लेकिन इस डाइट में वजन घटने के साथ ही कई तरह की अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है। रिसर्च में कहा गया है कि कीटो डाइट से हार्ट ब्लॉकेज होने का रिस्क बढ़ सकता है। इस डाइट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक का भी रिस्क रहता है।
कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। ये कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करता है। उन्हें फैट से बदल देता है। इसमें मुख्य रूप से सी फूड, चिकन, मीट, मछली, अंडा, केला, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, टमाटर आदि खाया जाता है। कीटो डाइट में उन सब्जियों का सेवन किया जाता है। जिनमें स्टार्च, कैलोरी, कार्ब्स नहीं होता है। कई बॉलीवुड सेलेब्स हैं, जिन्होंने खुलासा किया है कि उन्होंने अपना वजन कम करने के लिए कीटो डाइट का सहारा लिया है। अलग-अलग स्टडी में ये बात सामने आई है कि वजन घटाने में सबसे ज्यादा कारगर मानी जाने वाली कीटो डाइट से शरीर के मेटाबॉलिज्म पर निगेटिव असर होता है। जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया सेंटर फॉर हार्ट लंग इनोवेशन और स्टडी के राइटर यूलिया इटान (Iulia Iatan) के मुताबिक, स्टडी में पाया गया कि लो-कार्बोहाइड्रेट और हाई फैट वाली डाइट का नियमित सेवन करने से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है। इससे हार्ट के लिए खतरा पैदा हो सकता है।