Smartwatch: स्मार्टवॉच का इस्तेमाल आजकल किस कदर बढ़ गया है इसे बताने की जरूरत नहीं है। हम में से कई लोग अपनी कलाई पर स्मार्ट वॉच (Smart Watches) पहनते हैं। आज के दौर में स्मार्टवॉच पहनना फैशन हो गया है। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक स्मार्टवॉच का क्रेज देखा जा सकता है। हर्ट बीट (Heart Beat), ब्लड प्रेशर, वर्क आउट (Workout) और कदमों (Steps) को नापने वाली ये घड़ियां असल में हाथ में बंधी एक हथकड़ी की तरह हैं। दुनियाभर में हुई रिसर्च में पता चला है कि आपके स्वास्थ्य पर हर मिनट नजर रखने वाले ये गैजेट्स (Gadgets) असल में आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बाजार में लगातार कंपनियां एक से बढ़कर एक स्मार्टवॉच पेश कर रही हैं। जिन्हें लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं। कई कंपनियों का दावा है कि ये स्मार्टवॉच लोगों की हेल्थ को अच्छी तरह मॉनिटर कर सकती हैं।
सेहत के लिए हानिकारक है स्मार्टवॉच
तमाम लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या स्मार्टवॉच पहनने से लोगों की हेल्थ पर नेगेटिव इफेक्ट भी पड़ सकते हैं। हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्मार्टवॉच का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल स्मार्टवॉच इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) रेडिएशन पैदा करती हैं। यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है इसके अलावा भी रेडिएशन के हेल्थ पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। स्मार्टवॉच का 24 घंटे 7 दिनों तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जब जरूरत हो तभी इसका इस्तेमाल करना चाहिए। स्मार्टवॉच के हिसाब से अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखना चाहिए।
अगर आप स्मार्टवॉच को 24 घंटे पहने रहते हैं, तो इससे पैदा होने वाले रेडिएशन से सिरदर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे में स्मार्टवॉच को लंबे समय तक नहीं पहनना चाहिए। आमतौर पर कई बार देखा गया है कि लोग देर रात तक स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करते रहते हैं। जिससे उनकी नींद का रूटीन बिगड़ जाता है। नींद न पूरी होने से मूड स्विंग की समस्या खड़ी हो सकती है।
वहीं कई लोगों की आदत होती है कि वे बार-बार अपनी स्मार्टवॉच को देखते हैं। ऐसा करने से उनका अन्य काम में फोकस नहीं बढ़ पाता है। इस समस्या को बॉडी डिस्मोरफ़िया कहते हैं।