Urine Infection: यूरिन यानी पेशाब करना शरीर की सामान्य प्रक्रिया है। पसीने की तरह यह भी शरीर से गैर जरूरी तत्वों को बाहर निकालने की एक प्रक्रिया है। पेशाब को रोकने का मतलब है। इन गैर जरूरी तत्वों को भी शरीर के अंदर रोके रखना। कई बार यूरिन रोक कर बैठ जाते हैं। यह सेहत के लिए हानिकारक है। महिलाओं को तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। उनके लिए तो यह खतरा और ज्यादा है। अगर कोई शख्स बहुत अधिक बार यूरिन रोकता है तो उसे किडनी में स्टोन की समस्या हो सकती है।
बहुत देर तक यूरिन रोकने से यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। यूरिन रूट में संक्रमण हो जाने की वजह से दर्द और यूरिन के साथ खून आने की शिकायत बढ़ जाती है।
यूरिन को एक घंटे या ज्यादा देर तक रोके रखने के कारण महिलाओं या कामकाजी युवाओं में यूरिन से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जानकारों का मानना है कि ऐसी स्थिति में हर मिनट में दो एमएल यूरिन ब्लेडर में पहुंचता है। जिसे प्रति एक से दो घंटे के बीच खाली कर देना चाहिए। ब्लैडर खाली करने में अगर चार से पांच मिनट की देरी हो तो पेशाब दोबारा किडनी में जाने लगता है। ऐसी स्थिति बार-बार हो तो पथरी की समस्या शुरुआत हो जाती है। इसका कारण ये कि पेशाब में यूरिया और अमिनो एसिड जैसे टॉक्सिक तत्व पाए जाते हैं।
अगर लंबे समय तक यूरिन रोककर रखते हैं तो यूरिन के रास्ते में संक्रमण की समस्या हो सकती है। यूरिन पथ में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इससे यूरिन में ब्लड आना, जलन, गहरे रंग का यूरिन, पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं। महिलाओं में इस तरह की परेशानी अधिक देखने को मिलती है। इसकी वजह ये है कि वो यूरिन अधिक देर तक रोककर रखती हैं।
अगर बार बार यूरिन रोक रहे हैं तो यह मूत्राशय की दीवारें कमजोर करने लगती हैं। लंबे समय तक यही स्थिति दोहरा रहे हैं तो इससे ब्लैडर फटने का खतरा बढ़ सकता है। यूरिन लीकेज होने की संभावना बन सकती है। इससे प्राइवेट पार्ट में असहनीय दर्द भी शुरू हो सकता है।